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युक्तियुक्तकरण को लेकर हंगामा क्यों बरपा है…क्या कहते हैं संगठन प्रमुख! देखिए वीडियो।

खबर खास छत्तीसगढ़ बिलासपुर।बिलासपुर जिले में आज से युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया आरम्भ हो गई है। अब पहले पाठक ये जान लें कि युक्तियुक्तकरण है क्या! और इसे लेकर हंगामा क्यों बरपा है।

स्कूलों में युक्तियुक्तकरण का अर्थ है, स्कूलों की संख्या को कम करना, शिक्षकों की संख्या को समायोजित करना, या संसाधनों का बेहतर उपयोग करना।

एक ही केम्पस में एक से अधिक स्कूल होने पर युक्तियुक्तकरण का मतलब है कि दो छोटे स्कूल को एक में मिला दिया जाए, जिससे संसाधनों का बेहतर उपयोग हो सके और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हो सके।

संक्षेप में कह सकते हैं कि युक्तियुक्तकरण एक ऐसी प्रक्रिया है जो किसी चीज को अधिक कुशल, तर्कसंगत, और व्यवस्थित बनाती है। तो फिर सवाल खड़े होता है कि प्रदेश भर में इसका विरोध किया जा रहा है क्यों?

शिक्षकों,कर्मचारी संघ और कर्मचारी संगठनों का आरोप है कि युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के दौरान बीईओ और डीईओ द्वारा आनन फानन में अतिशेष सूची बनाने में अपने अपने चहेते शिक्षकों को बचाने के चक्कर में अन्य शिक्षकों को बलि का बकरा बनाया जा रहा है।

युक्तियुक्तकरण और उससे उपजी समस्याओं को लेकर छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष जी आर चंद्रा नें कहा कि …

जी आर चंद्रा प्रदेश अध्यक्ष छ ग प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ जिला बिलासपुर

अतिशेष सूची तैयार करने में गलत तरीके से शिक्षकों के नाम जोड़ने से शिक्षकों और संगठनों में नाराजगी खुल कर सामने आ रही है वही शिक्षकों का आरोप है कि विकास खण्ड और जिला शिक्षा कार्यालय में शिक्षकों द्वारा दिए जा रहे शिकायत पत्र की पावती देने से साफ इंकार किया जा रहा है।

युक्तियुक्तकरण और उससे उपजी समस्याओं को लेकर छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष राम कुमार यादव नें कहा कि …

राम कुमार यादव अध्यक्ष छ ग प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ जिला बिलासपुर.

एक शिक्षक रोहित कुमार भांगे जो तखतपुर विकास खण्ड शिक्षा कार्यालय अंतर्गत शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला ढनढन में बतौर प्रधान पाठक पिछले दो साल से पदस्थ हैं उनका कहना है कि मेरा विद्यालय स्वतंत्र विद्यालय है इस शाला का किसी अन्य शाला में समायोजन नहीं किया गया है उसके बाद भी मेरा नाम अतिशेष सूची सम्मलित किया गया है जो त्रुटिपूर्ण है।

शिक्षक रोहित कुमार भांगे
शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला ढनढन विकास खण्ड तखतपुर

आदिवासी बहुल क्षेत्र कोटा विकास खण्ड के पूर्व माध्यमिक शाला अचानकमार में पदस्थ गजेंद्र सिंह राज कहते हैं कि इनका नाम भी अतिशेष सूची में है जबकि एकमात्र इकलौते शिक्षक होने के बाद भी इनका नाम अतिशेष सूची में डाला गया है जो युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया पर सवाल खड़े करता नजर आता है?

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