सीधी भर्ती में फ़र्जी सर्टिफिकेट का सहारा लेकर शिक्षक बहाल…जाँच पूरी होनें पर मचेगा बवाल?

बिलासपुर। शिक्षा विभाग में कई तरह के घोटाले हो रहे हैं शिक्षक भर्ती घोटाला उनमें से एक है और यह कोई नई बात नहीं है वैसे भी फ़र्जी भर्ती मामले में एक शिक्षक नेता की धर्मपत्नी का मामला हाई कोर्ट में चल ही रहा है, दूजा एक शिक्षक फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी ज्वाइन कर गायब है,शिकायत जांच के बाद विभाग उसकी खोज खबर लेने में खुद को व्यस्त बता रहा है। वहीं कुछ शिक्षक सीधी भर्ती से उल्टे सीधे पैतरे अपनाकर घुस तो गए हैं लेकिन अब ना रात को ढंग की नींद आ रही है ना दिन का चैन हासिल है। कुछ शिक्षक तो आयु सीमा से छूट पाने मतलब फर्जी नियुक्ति पाने दिव्यांगता प्रमाण पत्र का सहारा लेकर अच्छे दिन काट रहे थे लेकिन भेद खुलने पर खुद को सामान्य भर्ती बतलाकर दिव्यांगता भत्ता रोकने व ली गई राशी रिकवरी के लिए आवेदन कर दिया है।
ऐसा ही एक मामले में बतलाते चलें कि साल 2013 में छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले के नगर पालिका परिषद बैकुंठपुर ने सीधी भर्ती से व्याख्याताओं की भर्ती की गईं थी। इसमें बिलासपुर जिले के मस्तूरी ब्लॉक के गांव के एक आवेदक की सीधी भर्ती तत्कालीन समय में की गई थी। आवेदक द्वारा अपने शैक्षणिक दस्तावेजों के साथ 48 फीसदी बधिर दिव्यांग होने का जिला मेडिकल बोर्ड का प्रमाण पत्र भी संलग्न किया था। संभव है कि जिला मेडिकल बोर्ड बिलासपुर से जारी प्रमाण पत्र आवेदन के साथ जमा किया गया हो तो नियुक्ति भी दिव्यांग कोटे से ही हुई हो, ये जांच में खुलासा हो सकेगा। कुछ अरसा कोरिया जिले के स्कूल में शैक्षणिक कार्य कराने के बाद व्याख्याता का तबादला शासन के निर्देश पर बिलासपुर जिले के रतनपुर के एक स्कूल में स्कूल में हो गया। जहां वो इन दिनों पदस्थ है।
अब तक किसी को खबर नहीं …
व्याख्याता जिस स्कूल में पदस्थ हैं वहां उसके साथ पदस्थ अन्य शिक्षकों को आज तक इस बात की भनक नहीं लग सकी है कि उनका कोई कलीग ‘बहरा’ है ? पूछताछ में स्कूल में किसी शिक्षक के बधिर दिव्यांग होने की बात पर ही प्रबंधन चौक जाते हैं। कुछ ऐसे ही अनुभव उनके पढ़ाए शागिर्द भी बताते हैं।
किसी को पता ही नहीं कि उनके स्कूल का कोई गुरुजी ‘बहरा’ है। कक्षा में किसी के सवाल करने पर अनसुनी कर देने जैसी कोई मामला स्कूल हुआ ही नहीं। ना किसी ने सुना ना देखा।
ऐसा भी इत्तेफाक ….
व्याख्याता ने सीधी भर्ती में बीएड डिग्री की मार्कशीट जो पं. सुंदरलाल शर्मा ( मुक्त ) विश्वविद्यालय छत्तीसगढ़ बिलासपुर परीक्षा वर्ष 2010-2011 और 2011-12 में जारी किया गया है, को संलग्न किया है। विश्वविद्यालय द्वारा जारी बीएड प्रथम वर्ष की मार्कशीट का रोल 1210325 और द्वितीय वर्ष के मार्क सीट का रोल नंबर भी 1210325 ही है। सामान्यतः परीक्षा पूर्ण होने के बाद शिक्षण सत्र की समाप्ति से पहले परीक्षा फल जारी कर मार्कशीट जारी किया जाता है। वहीं प्रस्तुत बीएड डिग्री के प्रथम वर्ष की मार्कशीट 19 अप्रैल 2012 को जारी हुआ है और द्वितीय वर्ष की मार्कशीट 11 अपैल 2012 को सात दिन पहले जारी किया गया है।
अब ऐसे फर्जी सर्टिफिकेटों पर बहाल कर लिए गए शिक्षकों के मामले में शिकायत और जांच के बाद ही तय होगा कि शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी की गई थी या दस्तावेज फ़र्जी हैं सवाल यह भी की झूठ का सहारा लेकर बच्चों को सच का पाठ कैसे पढ़ाएंगे…देखना होगा कि शिक्षा विभाग के जिम्मेदार कि गईं शिकायत पर जाँच बैठाते कब हैं और क्या निष्पक्ष जांच होगी!