पत्रकारों के विरुद्ध शिकायत आते ही, बिना जाँच F.I.R. किए जाने से पत्रकारों में नाराजगी! लोकतंत्र का चौथा स्तंभ पुलिस के निशाने पर!

*… लगातार हो रही एफआईआर से पत्रकारों में जमकर नाराजगी…
*….बिना सुबूत और जांच के लिखी जा रही रिपोर्ट से पत्रकार हैरान…
*….प्रेस क्लब की मांग पर एसपी ने कहा, पत्रकार घबराएं नहीं, पूरी जांच और तथ्य के बिना नहीं होगी गिरफ्तारी…
खबर खास छत्तीसगढ़ बिलासपुर। बीते कुछ दिनों से बिलासपुर की पुलिस पत्रकारों के खिलाफ बिना जांच और सबूत के एफआईआर दर्ज कर रही है। एक महीने के अंदर लगभग 8 से अधिक पत्रकारों के खिलाफ भयादोहन का मामला दर्ज कर लिया गया है।
शिकायतकर्ताओं के द्वारा अपनी कमियों को छुपाने के लिए पुलिस का सहारा लेकर पत्रकारों को परेशान किया जा रहा है। एक के बाद एक हुई प्राथमिकी से पत्रकारों में पुलिस के खिलाफ नाराजगी है।
यही कारण है कि मंगलवार को बिलासपुर प्रेस क्लब के अध्यक्ष इरशाद अली के नेतृत्व में क्लब की कार्यकारिणी और शहर के पत्रकारों ने एकजुट होकर पुलिस की कार्यवाही का विरोध किया। सभी ने पुलिस द्वारा जारी तत्परता वाली नीति और कार्रवाई का विरोध करते हुए उन्हें ज्ञापन दिया।
एसपी को ज्ञापन देकर उनसे मांग की गई कि पत्रकारों के खिलाफ होने वाली शिकायतों की पहले पूरी तरह से जांच की जाए, तमाम तथ्य और सबूत इकट्ठे की जाएं उसके बाद ही गलत पाए जाने पर एफआईआर दर्ज की जाए।
बीते कुछ दिनों से देखा जा रहा है कि अति उत्साह में पुलिस शिकायत मिलते ही पत्रकारों के खिलाफ तत्काल मामला दर्ज कर रही है। तत्काल की जा रही कार्रवाई से ऐसा लग रहा है कि पत्रकारों से पुलिस की कोई पुरानी दुश्मनी है। पत्रकारों ने कड़ा विरोध जताते हुए पुलिस अधीक्षक से मांग की है कि किसी भी पत्रकार के खिलाफ जब तक पर्याप्त सबूत, आधार, तथ्य न हो तब तक उनके खिलाफ मामला दर्ज न किया जाए,साथ ही जांच पूरी किए बगैर पत्रकारों की गिरफ्तारी नहीं होनी चाहिए।
पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह ने प्रेस क्लब पत्रकारों को बताया की जिन पत्रकारों के खिलाफ मामले दर्ज हो रहे हैं उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत और तथ्य मिल रहे हैं इसी वजह से मामला दर्ज कर जांच की जा रही है। उन्होंने ललिता कुमारी वर्सेज स्टेट में दिए गए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि संगेय अपराध वाले मामले में पुलिस को कड़ा कदम उठाना पड़ता है।
राशन दुकानदारों ने पर्याप्त सबूत पेश करते हुए पुलिस में जाने पर देख लेने की धमकी की भी जानकारी दी है। यही वजह है कि प्रावधानों के तहत ही वे कार्यवाही कर रहे हैं। उन्होंने प्रेस क्लब की मांग पर पदाधिकारियो को आश्वस्त किया है कि किसी भी पत्रकार की गिरफ्तारी मामले की पूरी तरह जांच हुए बिना नहीं होगी। किसी भी पत्रकार को बेवजह परेशान नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पूरी सावधानी और गंभीरता के साथ मामलों की जांच पूरी करने का निर्देश संबंधित थानों को दिया गया है। अगर पत्रकार गलत नहीं हैं तो उन्हें भयभीत होने की जरूरत नहीं है।
प्रतिनिधिमंडल में प्रेस क्लब के अध्यक्ष ईरशाद अली,सह सचिव दिलीप जगवानी,वरिष्ठ पत्रकार महेश तिवारी,अखलाख खान, मनीष शर्मा, लोकेश वाघमारे, पंकज गुप्ते,छवि कश्यप,अमन पांडेय,पृथ्वी दुबे( पिंटू ),राकेश मिश्रा,रवि शुक्ला, साखन दर्वे, तीरिथ राम लहरे,जितेंद्र थवाइत,सत्येंद्र वर्मा,श्याम पाठक,जिया खान, जेपी अग्रवाल,रोशन वैद्य,नरेंद्र सिंह ठाकुर,गोलू कश्यप, अमित पाटले,कैलाश यादव, घनश्याम गंधर्व सहित अन्य पत्रकार शामिल रहे।