बिलासपुर

कलेक्टर की अपील का हुआ असर…जल संरक्षण की दिशा में बढ़े कदम… तालाबों को गहरा करने आगे आ रहे हैं हजारों लोग…।

जल संरक्षण की दिशा में बढ़े कदम

तालाबों को गहरा करने आगे आ रहे हैं लोग

जन सहयोग से पेश की जा रही है मिसाल

खबर खास छत्तीसगढ़ बिलासपुर 24 मई 2024/जिले में जल संरक्षण के लिए जिला प्रशासन द्वारा जन भागीदारी से तालाबों का गहरीकरण किया जा रहा है।

जल स्तर को बढ़ाने और निस्तारी की समस्या को दूर करने के लिए यह पुनीत अभियान शुरू किया गया है। कलेक्टर अवनीश शरण की अपील पर लगातार लोग इस अभियान से जुड़ रहे है। जिले के अधिकारी-कर्मचारी भी इस पुनीत अभियान श्रमदान कर रहे है। जन सहयोग से एक अनूठी मिसाल पेश की जा रही है। ग्रामीण के साथ शहरी क्षेत्रों में भी अभियान को अच्छा जनसमर्थन मिल रहा है।

अभियान के प्रथम चरण में 40 तालाबों का गहरीकरण किया जा रहा है। अभियान की शुरूआत के तीन दिनों के भीतर ही तखतपुर विकासखण्ड के ग्राम पंचायत बिनौरी के जोगी तालाब व ग्राम पंचायत बोड़सरा के गदही तालाब में गहरीकरण कार्य जनभागीदारी से पूर्ण कराया जा चुका है एवं ग्राम पंचायत घुटकु के बंधवा तालाब (बांधा तालाब) रकबा 20 एकड़ में विगत तीन दिनों से गहरीकरण कार्य कराया जा रहा है। इसी प्रकार बिल्हा विकासखण्ड अंतर्गत कुल 6 तालाबों में जन सहयोग से गाद निकासी, गहरीकरण, साफ-सफाई आदि कार्य जोरों-शोरों से जारी है।

नगर पंचायत बोदरी के जेठू तालाब, नगर पंचायत बिल्हा के ठाकुर देवा तालाब एवं बिल्हा ब्लॉक के कया, अमेरीकापा, परसदा (भ), सारधा आदि ग्राम पंचायतों के तालाबों में जन सहयोग से कार्य जारी है।

मस्तूरी ब्लॉक के केवटाडीह टांगर, पेंडरी, चिल्हाटी, जांजी, सोनसरी, बेलटुकरी, जैतपुरी एवं गिधपुरी के तालाबों में जन सहयोग से गहरीकरण कार्य किया जा रहा है।

कोटा ब्लॉक अंतर्गत ग्राम पंचायत कुरदर के मुरमाही तालाब, बारीडीह के तारबांध, जाली के कांटीपारा, कलमीटार के दर्रा, रतखंडी के पुरैना, परसापानी के जुनवानी, तुलुफ के बिहारी, चंगोरी के बरगदिया, बिल्लीबंद के अमरिया, दारसागर के उपरपारा, लूफा के भैसामुड़ा, करगीकला के नया, धूमा के बंधिया, करका के भैंसामुड़ा एवं पीपरतराई के फगन डबरी तालाब में गहरीकरण कार्य किए जाएंगे।

व्यक्तिगत रूप से मिट्टी निकालने के साथ भारी मशीनों का उपयोग भी ठेकेदारों के सहयोग से किया जा रहा है। भीषण गर्मी को धता बताते हुए लोग पूर्वजों की परम्परा को आगे बढ़ा रहे हैं। बरसात के आते तक यह अभियान चलता रहेगा। तालाब के गहरा हो जाने पर इनकी जलधारण क्षमता भी बढ़ेगी और भविष्य में निस्तारी समस्या का सामना लोगों को नहीं करना पड़ेगा।

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