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साइबर अपराधी फ्रॉड जैसी घटनाओं को अंजाम देने के लिए कर रहे फर्जी ऐप्स का इस्तेमाल


खासखबर बालोद। दोस्तो आमतौर पर हम किसी भी ऍप्लिकेशन को आसानी से इंस्टॉल कर लेते है और उपयोग में लाने लगते है , एक बात जो आप लोगों को खासतौर से गौर करनी चाहिए वह यह है कि फर्जी ऐप्स दिखने में असली ऐप के समान होते हैं। इन फर्जी ऐप्स (Fake Apps) में मालवेयर होता है जो आपकी बैंक डिटेल्स और अन्य संवेदनशील डेटा को चुराने का काम करता है। साइबर अपराधी इन फर्जी ऐप्स के लिए समान आइकन और इमेज का इस्तेमाल करते हैं।
इन ऐप्स के वज़ह से मोबाइल की बैटरी खपत तेजी से हो सकती है। बैटरी का बार-बार जल्दी खत्म होने के पीछे का एक कारण फोन में वायरस या फिर मालवेयर भी हो सकता है।
👉मालवेयर ना केवल आपकी निजी जानकारी या कह लीजिए डेटा को चुराने का काम करता है बल्कि मोबाइल को कंट्रोल भी कर सकता है। जैसे ही यूजर्स इन फर्जी ऐप्स को एक्सेस कर लें और फिर ऐसा कर अनजाने में सही अपने निजी डेटा या जानकारी दे देते हैं।
👉पासवर्ड आदि कई चीजों को चुराया जा सकता है, यूजर के जगह वित्तीय धोखाधड़ी या वित्तीय ट्रांजेक्शन कर सकते हैं। कॉल ब्लॉक करना, बैटरी लाइफ को घटाना और एसएमएस फॉरवर्ड आदि चीजों पर भी इसका असर देखने को मिल सकता है।
क्या करें
👉जब किसी नए ऐप को डाउनलोड करें तो सबसे पहले ऐप को मिले रेटिंग्स व रिव्यू को जरूर पढ़ें। रिव्यू व रेटिंग्स अन्य यूजर्स द्वारा दी गई होती है जिन्होंने ऐप को इस्तेमाल किया होता है।
👉जिस भी ऐप को डाउनलोड करने का विचार कर रहे हैं उस ऐप के विवरण को ध्यानपूर्वक समय देकर अच्छे से पढ़िए। आपको असली और नकली ऐप के बीच का अंतर आपको यहां भी देखने को मिल सकता है। आमतौर पर Fake Apps के विवरण में आपको कई गलतियां देखने को मिलेंगी।v
👉इंस्टॉल करने से पहले ऐप आपसे कौन-कौन सी परमिशन मांग रहा है, इस बार में भी एक बार जरूर पढ़ें।
किसी भी तरह के फर्जी ऍप्लिकेसन को इंस्टाल करने से बचें।
सावधान रहें सुरक्षित रहें।


बालोद पुलिस


(थाना गुण्डरदेही द्वारा जनहित में जारी)

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