आमरण अनशन व भूख हड़ताल बैठे सामाजिक कार्यकर्ता….दोषी अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही की मांग। जानें क्या है मामला।

खास खबर छत्तीसगढ़ बिलासपुर।एस.ई.सी.एल. मुख्यालय अंतर्गत सीपत रोड में एसईसीएल के तानाशाह अधिकारियों के द्वारा 300-400 हरे भरे 20 से 25 वर्ष पुराने पेड़ों की अवैध और क्रूरता पूर्वक कटाई किए जाने के खिलाफ तत्काल कठोर दण्डात्मक कार्यवाही किए जाने हेतु तीन सामाजिक कार्यकर्ता मोर्चा खोलते हुए कार्यालय के ठीक सामने आमरण अनशन व भूखहड़ताल पर बैठे हैं।
आमरण अनशन पर बैठे अमित मिश्रा व नेहल मिश्रा नें कहा कि उन्हें अत्यंत आक्रोश है और पीड़ा के साथ न्याय के लिए साऊथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के खिलाफ आमरण अनशन पर बैठना पड़ रहा है।
एसईसीएल के तानाशाह अधिकारियों ने बिना किसी वैध अनुमति के 300-400 हरे भरे से 25 वर्ष पुराने इमारती पेड़ों को निर्ममता पूर्वक काट दिया है, यह न केवल एक जघन्य अपराध है बल्कि पर्यावरण के साथ खुला खिलवाड़ और वन संरक्षण अधिनियम 1980 का घोर उल्लंघन भी है।
यह एक सोची समझी संगठित पर्यावरणीय अपराध है जिसके गंभीर परिणाम अधिकारियों को भुगतना होगा।
इतने पुराने और विशाल पेंड़ों को काटकर क्षेत्र की हरियाली नष्ट कर दी गई हजारों पक्षियों को बेघर कर दिया गया जो वन्यजीवों और पारिस्थित्तिकी तंत्र के लिए विनाशकारी है।
पर्यावरणीय हत्या यह कृत्य केवल पेंड़ों की कटाई नहीं, बल्कि हमारे पर्यावरण की हत्या के समान है। इससे स्थानीय जलवायु वर्षा चक और वायु गुणवत्ता पर गंभीर प्रतिकूल प्रभाव पडेगा।
वन्य जीवों और पक्षियों का नरसंहार इन पेड़ों पर निर्भर पक्षी और जन्तु बेघर हो गए हैं जिनसे उनके जान को खतरा उत्पन्न हो गया है।
जिला प्रशासन और वन विभाग के कानूनी प्रावधानों का खुला उल्लंघन किया गया यह घटना वन संरक्षण अधिनियम 1980 और पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 के प्रावधानों का खुला स्पष्ट उल्लंघन है। अधिकारियों और वृक्ष कटाई से संबंधित ठेकेदार, पर तत्काल कड़ी कानूनी कार्यवाही की जाए इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जाँच की जाए, यदि इस गंभीर मामले पर शीघ्र और सख्त कार्यवाही नहीं की गई वो हम इसे उच्च अधिकारियों, सोशल मिडिया, न्यायालय और पर्यावरण संगठनों तक ले जाने के लिए बाध्य होंगे जिसका जिम्मेदार एस.ई.सी.एल. के संबंधित उच्च अधिकारी होंगे।