बिलासपुर

423 दिनों में मात्र 31 दिन ही स्कूल आकर…पूरी तनख्वाह पानें वाला शिक्षक! जाने कहाँ का मामला।

खबर खास छत्तीसगढ़ बिलासपुर:-विकास खंड शिक्षा कार्यालय तखतपुर से इन दिनों स्तीफा की खबर सामने आ रही है इस खबर से शिक्षकों में तरह तरह की चर्चा हो रही है दूसरी ओर जिला शिक्षा अधिकारी के घर पर एन्टी करप्शन ब्यूरो का छापा शिक्षा विभाग पर सवाल खड़े कर रहा है साथ ही दोनों मामले पहले पायदान पर सुर्खियां बटोर रही हैं।

अब यदि शिक्षा के पवित्र मंदिर के पुजारी पर ही भ्र्ष्टाचार रूपी पाप किए जाने की जांच को लेकर मंदिर के पुजारी के घर की चौखट पर भ्र्ष्टाचार की जांच किए जाने सुबह सुबह दस्तक देना और जांच में जुट जाना तरह तरह के सवाल खड़े हो रहें वहीं कुछ शिक्षकों द्वारा इसे सही निर्णय बताया जा रहा है।

दूसरी ओर एक शिक्षक जिसकी नियुक्ति ही बच्चों को पढ़ाने के लिए की गई है वह बेखौफ होकर कर्मचारी सेवा नियमों की धज्जियाँ उड़ा रहा है ऐसी खबर निकल कर सामने आ रही है जो शिक्षा व्यवस्था और जिम्मदार शिक्षा अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता नजर आता है।

क्या है पूरा मामला

विकास खण्ड शिक्षा कार्यालय तखतपुर अंतर्गत मुख्य मार्ग में संचालित शासकीय उन्नत पूर्व माध्यमिक विद्यालय भकुर्रा नवापारा में 53 दर्ज बच्चे अध्यनरत हैं प्रधान पाठक नें बताया कि स्कूल में बाउंडरी वाल नहीं है अतिरिक्त कक्ष की कमी है। बच्चों के लिए एक प्रधान पाठक और तीन शिक्षक की नियुक्ति की गई है।

जिसमें प्रधान पाठक आर के भोई,वीरेंद्र कुमार शर्मा, नितेश विमल सोनराजा और मनोज कुमार साहू पदस्थ हैं।

जब हमनें शिक्षक नितेश विमल सोनराजा के विषय में प्रधान पाठक पूछा तब उन्होंनें बताया कि इनके विषय पर संकुल समन्वयक के माध्यम से विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी तखतपुर को पत्र लिखा गया है।

पत्र अनुसार इस स्कूल में 27/05/2023 से पदस्थ शिक्षक नितेश विमल सोनराजा दिनाँक 24/07/2024 तक उपस्थित पाठ्यांक रजिस्टर में कुल 31 दिनों की उपस्थिति दर्ज है। मतलब कुल 423 दिनों में मात्र 31 दिन ही स्कूल आए हैं लेकिन तनख्वाह पूरी मिल रही है।

अब सवाल ये की सरकारी स्कूल में अध्यनरत बच्चों को अंग्रेजी विषय कौन पढ़ायेगा?

ऐसा लगता है कि इन शिक्षक महोदय के लिए शासन के नियम कायदे कोई मायने नहीं रखते। ये अपनी इच्छानुसार काम करने वाले अंग्रेजी विषय के शिक्षक हैं। ये कर्मचारी सेवा नियम का पालन नहीं करते हैं।

उपस्थित शिक्षकों नें बताया कि शिक्षक स्कूल प्रधान पाठक को बिना लिखित सूचना के स्कूल से अनुपस्थित रहते हैं। बिना किसी आदेश के ये स्कूल से विभिन्न कार्यालयों में संलग्न रहते हैं मनमर्जी रूप से बिना किसी आदेश के ये शाला में आकर अपना हस्ताक्षर करते हैं मतलब ये कर्मचारी सेवा नियमों का पालन नहीं करते हैं।

क्या है नियम

यदि किसी शिक्षक को शिक्षिकीय या अन्य कार्य के लिए स्कूल से कहीं अन्य कार्य व्यवस्था हेतु संलग्न करना होता है तो विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी के लिखित आदेश पर ही शिक्षक को स्कूल से रिलीव किया जाता है और पुनः वापस आने पर भी विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी आदेश जारी करता है तब शिक्षक आदेश पत्र दिखा कर स्कूल जॉइन करता है।

कुल मिलाकर विकास खण्ड शिक्षा कार्यालय तखतपुर अंतर्गत संचालित एक सरकारी स्कूल का शिक्षक जब इस तरह से सरकारी नियमों की धज्जियाँ उड़ाते हुए मनमर्जी काम करेगा तो ऐसे में अन्य स्कूलों में पदस्थ शिक्षकों के मन में सवाल तो उठेंगे?

देखना होगा कि शिक्षा विभाग के तनख्वाह खोर जिम्मेदार अधिकारी खबर को संज्ञान में लेकर क्या कोई ठोस कदम उठाते हैं या नहीं?

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