“बिन फेरे हम तेरे” से लेकर सब कुछ लूटा के होश में आए तो क्या हुआ…से… अफ़सोस तक का ख़ौफ़नाक सफ़र…!

खबर खास छत्तीसगढ़ बिलासपुर। आधुनिक समाज में इन दिनों एक प्रचलन तेजी से पैर पसार रहा है नाम है लिव-इन रिलेशनशिप। इसको आसान शब्दों में कहें तो ‘बिन फेरे, हम तेरे’ का रिश्ता माना जाता है। इसमें शामिल जोड़े ना तो परिवार का लिहाज करते हैं ना समाज का।
कहते हैं कि इसकी शुरुआत देखा देखी,आस पड़ोस, टीवी सीरियल, फ़िल्म,मोबाईल,स्कूल, कॉलेज से होती है। इसे प्यार, मोहब्बत, इश्क,लव,प्रेम,आशिकी, चाहत कहते हैं।
जब अंधा प्यार परवान चढ़ने लगता है तो कुछ भी नजर नहीं आता ना परिवार, ना समाज, ना अपने,ना रिश्ते नाते। सभी दुश्मन नजर आते हैं।
प्रेम के मकड़जाल में फसनें के बाद जहां बालिग,नाबालिग शुरुआती दिनों में सामाजिक नियमों के विरुद्ध बगैर शादी किए एक साथ एक ही छत के नीचे,पति-पत्नी की तरह रहते हैं। हम दिल दे चुके सनम वाला यह रोमांटिक रिलेशनशिप तब तक चलता है जब तक प्रेमी प्रेमिका एक दूसरे को शादी के झूठे सपने,झूठे सब्जबाग,कोरा आश्वासन, झूठी कसम,खाते,देते, दिखलाते हैं लेकिन लिव इन रिलेशनशिप में जब शादी की बातें या प्रस्ताव बार बार सामने आता है और अंतर्मन में सभी बातें झूठी लगने लगती है तब लिव इन रिलेशन से पीछा छुड़ाने का जो सनम बेवफा वाला तरीका अपनाया जाता है वह बेहद खतरनाक रूप में सामने आता है ऐसा जो किसी नें सोचा भी नहीं था।
धोखा खाने के बाद प्रेम का सागर मरुस्थल में बदल जाता है, विश्वास की डोर कमजोर लगने लगती है तब खुद को पीड़िता/पीड़ित बता थाना की चौखट चढ़ी जाती है,थाने में रिपोर्ट दर्ज कराया जाता है गंभीर आरोप लगाए जाते हैं। अक्सर शहरी और ग्रामीण थाना क्षेत्र में लिव इन रिलेशनशिप की घटना की खबर सुर्खियों में सामने आती है।
पिछले कुछ सालों में देखने और सुनने में ज्यादातर हैरान और परेशान करने वाले ऐसे ख़ौफ़नाक मामले सामने आए है जिसमें लिव इन रिलेशनशिप में रह रहे युवक/युवती ने छोटी सी बात पर एक दूसरे को जान से मार दिया है या कोशिश की है। मतलब अपराध का सहारा लिया है।
लव इन रिलेशन से उपजी घटना की सूचना पर पुलिस एक्टिव होती है तब पता चलता है कि विगत तीन-चार साल से लिव इन में रह रहे थे। किसी बात को लेकर आपसी वाद विवाद होने पर घटना कारित हुआ है आरोपी को हिरासत में लिया गया है या आरोपी फरार है। वैधानिक कार्रवाई की जा रही है।
अंत में इतना ही कि पुलिस थाने की चौखट पर जब लिव इन रिलेशनशिप में धोखे की दस्तक की शिकायतें देने की तैयारी होती है तब तक प्यार और लिव इन रिलेशन का नशा उतर चुका होता है और माता पिता, भाई बहन, दोस्त यार, इनकी सलाह ली जाती है और मानी जाती है लेकिन कहते हैं ना,कि सब कुछ लुटा के होश में आए तो क्या हुआ….!
अंत में बस इतना ही कि ये बेमेल प्रेमी जोड़े हमारे सामाजिक संस्कार,परिवारिक सुरक्षा में सेंध लगा कर हमारी युवा पीढ़ी को कहाँ ले जा रही है? इसे रोकने के लिए क्या कदम उठाने होंगे?