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वाह रे मनमौजी प्रधान पाठक!

खबर खास छत्तीसगढ़ बिलासपुर। सरकारी स्कूलों, शिक्षकों और राज्य की योजनाओं का हाल तो आप सभी जानते हैं किंतु जब प्रदेश के मुख्यमंत्री के आदेश के बाद भी सरकारी स्कूल शिक्षा,शिक्षक और बदहाल व्यवस्था पर लगाम कसने में शिक्षा अधिकारी नाकाम हो रहे हैं इसका एक और जीता जागता उदाहरण सामने आया है जिसमें एक प्राथमिक शाला के प्रधान पाठक नें शिक्षा ग्रहण करनें स्कूल आए बच्चों शिक्षा देने की बजाय सरकारी नियम कायदे को दरकिनार करते हुए समय से पहले ही स्कूल से छुट्टी दे दी।

हद तो तब हो गई जब स्कूल परिसर में ही सरकारी राशन से भरे ट्रक में भरे राशन का चांवल वजन करते नजर आए बच्चे। ये प्रधान पाठक की मनमर्जी का नतीजा था।

चांवल तौलते बच्चे

नियम के विरुद्ध छुट्टी क्यों दी गई पर प्रधान पाठक राहुल सोनी के जवाब सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे उनका जवाब था कि स्कूल डेटा संकलन पत्रक भरा जा रहा था इसलिए छुट्टी दे दी गई। हालांकि उन्होंने गलती मानी की गलती हुई है छुट्टी नहीं देनी थी।

बैठे स्कूल स्टाफ

साहब यदि ऐसा होता तो शायद सभी स्कूलों में छुट्टी दे दी जाती लेकिन ये तो प्रधान पाठक हैं यहाँ इनकी मनमर्जी चलती है यदि यही हाल रहा वह दिन दूर नहीं जब सरकारी स्कूल में छुट्टी देकर एक से एक बहाना बनाया जायेगा?

हमनें विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी बिल्हा को फोन लगाकर उनका पक्ष जानने का प्रयास किया किंतु उन्होंने फोन काट दिया। बाद में स्वंय फोन कर उन्होंने प्रधान पाठक को नोटिस जारी करनें की बात कही।

देखना होगा कि मुख्यमंत्री के आदेश के बाद भी शिक्षा अधिकारी कुभकर्णीय नींद से कब जागेंगे और सरकारी स्कूलों का दौरा कर बच्चों का भविष्य बर्बाद होने से रोकने कोई ठोस कदम उठाएंगे!

सवाल

क्या प्रधान पाठक का यह निर्णय सही था?

क्या इस बात की सूचना प्रधान पाठक नें अपने संकुल समन्वय को दी थी?

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