गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपिता और संविधान निर्माता की ऐसी तस्वीर, जिसे देख आप…. भी हो जायेंगे हैरान!

खबर खास छत्तीसगढ़ बिलासपुर। शिक्षा विभाग अंतर्गत संचालित सरकारी स्कूलों में देश के राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस पर्व मनाए जाने की औपचारिकता निभाई जा रही है, यकीन ना आए तो देश के इन महान नेताओं की तस्वीरों को गौर से देखिए। गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपिता और संविधान निर्माता की ऐसी तस्वीर जिसे देख आप…. भी हो जायेंगे हैरान!
अब आप यह भी जान लीजिए कि ये तस्वीर विकास खंड शिक्षा कार्यालय कोटा अंतर्गत संचालित शासकीय प्राथमिक शाला सरगोड़ संकुल केंद्र बगधरा विकास खंड कोटा जिला बिलासपुर की है। यहां देश के राष्ट्रीय पर्व को मनाने गणतंत्र दिवस के मौके पर शिक्षा के मंदिर में स्कूली बच्चे, शिक्षक और आसपास के ग्रामीण एकत्रित हुए हैं।
ध्वजारोहण के दौरान राष्ट्रपिता महात्मा गांधी व संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर की एक ऐसी तस्वीर निकल कर सामने आई है जिसने शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली को ही कटघरे में ला खड़ा किया है।
तस्वीरों के मामले में प्राथमिक शाला सरगोड में पदस्थ शिक्षक रमेश सिंह उईके से पूछा गया तो उनका कहना था की यह चित्र छात्रों नें लाकर यहां पर रखा है उनका ये जवाब किसी भी एंगल से समझ से परे था।
हमनें इस मामले में जब विकास खंड शिक्षा कार्यालय कोटा के जिम्मेदार विकास खंड शिक्षा अधिकारी विजय तांडे को फोन लगाया तो उनका फोन बंद था।
आखिरकार कुछ घंटे बाद कुम्भकर्णीय नींद से जागे कोटा बीईओ नें मैसेज भेजकर लिखा कि शो कॉज नोटिस जारी किया जायेगा,लापरवाही बर्दाश्त नहीं।
वहीं कोटा एसडीएम हरिओम द्विवेदी नें कहा कि तस्वीर आपत्तीजनक है, ऐसा नहीं होना चाहिए, मामला संज्ञान में आया है बीईओ कोटा के माध्यम से संबंधित प्रधान पाठक को नोटिस जारी कर जवाब मांगा जाएगा।
वहीं जब इस मामले में को संज्ञान लेते हुए प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी दासरथी बात की तो उन्होंने दो टूक कहा कि गलत है, नोटिस जारी कर जवाब मांगा जाएगा।
बहरहाल शिक्षा विभाग के एक सुदूर ग्रामीण आदिवासी अंचल में स्थापित प्राथमिक शाला सरगोड़ से निकलकर आई ये राष्ट्रपिता और संविधान निर्माता की तस्वीर राजधानी में बैठे उन अधिकारियों मुँह पर एक तमाचा है जो एयर कंडीशनर रूम में बैठकर कागजी रिपोर्ट पेश करते हैं और ऐसी खबरें उनकी रिपोर्ट को पल भर में धराशायी कर देती है।
जरूरत है किसी भी राष्ट्रीय पर्व के पहले जिम्मेदार स्कूल प्रमुख, संकुल समन्वयक, सहायक विकास खंड शिक्षा अधिकारी, विकास खंड शिक्षा अधिकारी, एसडीएम, सीईओ, ईमानदारी से अपने अपने क्षेत्र का निरीक्षण कर लें ताकि देश के महान नेताओं की ऐसी तस्वीर सामने ना आए। जिससे आमजनता के बीच राष्ट्रीय पर्व महज एक औपचारिकता नजर आए।
अंत में इतना ही कि शिक्षा विभाग के जिम्मेदार, कम से कम इस बात की पुष्टि वर्ष में दो बार जरूर कर लें कि स्कूलों में बच्चों को जानकारी देने जिन महापुरुषों की तस्वीरें भेजी गई हैं उनकी हालत कैसी है! जो जानकारी (तस्वीरें) निकल कर सामने आएगी वो चौकाने वाली ही होंगी!