मिठलबरा के गोठ…4…सच्ची वाली शिकायतों पर सीएम हुए नाराज…!

खबर खास छत्तीसगढ़ बिलासपुर। पिछले महीने प्रदेश के मुखिया का जिले में भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दौरान आना हुआ लोगों नें भृष्ट कामचोर अधिकारियों की चौतरफा शिकायत की और सच वाला शिकायत पुलिंदा थमा दिया।
मुखिया जी लगभग 38 घंटे रहे। ऐसे में पिछले चार सालों से शिकवा शिकायत को सुन सुनकर मुखिया जी के कान पक गए थे इसलिए नाराज चल रहे थे।
ऊपर मुखिया जी से लोगों नें मन भर के सच्ची प्रामाणिक वाली शिकायत मिर्च मसाला लगा कर दी। शिकायत वो भी छोटी मोटी नहीं, बड़ी बड़ी वाली,दूसरी तरफ वेबपोर्टल, अखबार, न्यूज़ चैनल और सच्ची शिकायतों का पुलिंदा देख सुन मुखिया जी को गुस्सा आ गया, एकदम से गुस्सा गए, फिर क्या था एक लाइन से सभी जिम्मेदार विभाग प्रमुखों को फटकार लगाते हुए कड़ी वाली चेतावनी दे दी। सब हक्के बक्के रह गए। कई अधिकारियों के तो ब्लडप्रेशर बढ़ गए। चेहरा पसीने से लथपथ, माथे पर पसीने की बूंद चुगली कर रही थी कि फटकार जम के पड़ी है।
अब मुखिया जी की सच्ची वाली डांट, और डपट का गैरजिम्मेदार अधिकारियों पर क्या असर हुआ वह तो वही जाने,लेकिन डांट डपट चलता रहता है, मुखिया हैं, गलती होने पर डांट तो पड़नी है, सो पड़ गई।
चार साल से सत्ता संभाल रहे हैं,अनुभव है ऊपर से विपक्ष दनादन सवाल करता है,पुतला दहन करता है जनता मीडिया के माध्यम से सवाल पूछती है, गुस्सा आना लाज़मी है,जायज है। शायद गैरजिम्मेदार अधिकारियों को इस बात का अंदेशा नहीं था कि मुखिया जी का सामना ऐसे करना होगा। फिर क्या,गुलदस्ता,बुके,मुस्कुराता चेहरा,करीबी होने का दंम्भ ,सब गुड़गोबर हो गया।
सही भी है आए दिन विभागीय मामले उछलते रहते हैं चाहे शिक्षा से जुड़ा हो,स्वास्थ्य से,पुलिस से,राजस्व से,पीएचई,पीडब्ल्यूडी,लोक सेवा गारंटी,अवैध प्लाटिंग,खनिज का अवैध परिवहन उत्तखन आदि मामले सुर्खियों में बने रहते हैं सरकार का विभाग प्रमुखों पर नियंत्रण नहीं रह गया है! बेबाकी से कह दें तो नियंत्रण होता तो,डांट,फटकार नहीं ना पड़ती।
अब मुखिया जी की फटकार और मीडिया की सुर्खियां के बाद अधिकारी जागें तो जागें, नहीं तो सैकड़ों एकड़ सरकारी जमीन चली गई, तालाब पट गए,पेंडेंसी बढ़ गई,चखना सेंटर धड़ल्ले से चल रहे ,रेत के खदान बंद हो गए फिर भी रेत का अवैध परिवहन जारी है,कानून व्यवस्था कंट्रोल में नहीं, कोशिश जारी है। इन सभी कारणों से जिला सुर्खियां बटोर रहा था कंट्रोल नहीं होने से आगे भी बटोरेगा सुर्खियां।
मुखिया जी की डांट डपट से आम जनता को कुछ फायदा हुआ या नहीं,नहीं मालूम लेकिन मुखिया की फटकार से कुछ अधिकारी नाराज चल रहे हैं एक अधिकारी तो डांट डपट से बड़बड़ाते नजर आए अब क्या बोले बताया नहीं जा सकता। ऐसे देखा जाय तो उनकी नाराजगी जायज है लेकिन करें तो करें क्या!
कुल मिलाकर इतना ही कहेंगे कि चुनावी साल है और ये पब्लिक है, सब जानती है….!