Uncategorizedबिलासपुर

पटवारी और सहायक नें मिलकर रचा,शासकीय राजस्व अभिलेख पर कूट रचना का जाल!

खबर खास छत्तीसगढ़ बिलासपुर। इन दिनों राजस्व संबधी मामलों में दस्तावेज पर कूट रचना जैसी शिकायतों की बाढ़ आ गई है शासकीय राजस्व अभिलेख में कूट रचना की जा रही है, बिना किसी न्यायालय के आदेश के लोगों का नाम जोड़ा जा रहा है। मिसल में दर्ज रकबा से ज्यादा भूमि बी वन और पंच साला में दर्शाया जा रहा है। मतलब कूट रचना कर शासकीय जमीन को आबंटित किया जा रहा है।

ऐसे ही एक मामले में कलेक्टर बिलासपुर से लिखित शिकायत हुई जिस पर तहसील कार्यालय द्वारा जांच किए जाने से शासकीय राजस्व अभिलेख में पटवारी और उसके सहायक द्वारा कूट रचना किए जाने खुलासा हुआ।

क्या है मामला

कलेक्टर कार्यालय में दिनांक 27.05,22
आवेदक सुनील भार्गव वगै० नें लिखित शिकायत कि वे ग्राम खैरझिटी के निवासी हैं
हल्का पटवारी आर.के. चेलके एवं उसके सहयोगी मनोज सतनामी के
द्वारा फर्जीवाड़ा करते हुए शासकीय राजस्व अभिलेख में कुट रचना कर
रामखिलावन, कृपाराम, श्याम, धानूराम, कलीराम के नाम पर ख0न0 158/3 एवं 158/7
रकबा क्रमशः 3.50 ए. एवं 2.50 ए. भूमि दर्ज कर दिया गया उक्त भूमि को
उपरोक्त व्यक्तियों के द्वारा आशुतोष वाधवानी पिता सच्चिदानंद वाधवानी
बिलासपुर जो कि रामखिलावन का मुख्तयार आम था स्वयं से स्वयं को 158/7 की भूमि को रजिस्ट्री करवा लिया है।

राजस्व प्रमुख के निर्देश पर कोटा तहसील में प्रकरण शिकायत मद में दर्ज किया गया और अनावेदकगण से पूछताछ किया गया साथ ही हल्का पटवारी एवं राजस्व निरीक्षक के संयुक्त दल की टीम गठित कर मौका जांच प्रतिवेदन मंगाया गया।

हल्का पटवारी व राजस्व निरीक्षक की संयुक्त दल के द्वारा अपना प्रतिवेदन
प्रकरण में प्रस्तुत कर बताया कि शासन के द्वारा कोरीबांध निजी भूमि स्वामी को
ग्राम खैरझिटी में शासकीय भूमि छोटे-बड़े झाड़ जंगल मद की भूमि को प्लाट
बनाकर आबटित किया गया जिसका ख.न., 158, 159 वर्ष 1980-81 में
किया गया था। ख.नं. 158 मिसल रकबे में 19.95 ए. भूमि दर्ज है जो
आवेदकगण के बताये अनुसार 5 टुकड़े में होना बताया था अभिलेंख में भी वर्ष
(1997-98) में ख.न. 158/1, 158/2, 158/3, 158/4, 158/6 रकबा कमशः
10.84, 5.40, 1.00, 200, कुल 5 बटाकंन में है। ख.न. 158/5 दर्ज का कोई उल्लेख नही है तथा 158/6 रकबा 2.00 भूमि तहसीलदार के
राजस्व प्रकरण क्रमांक 93-94 आदेश दिनांक 10.01.95 के अनुसार दुरुस्त हुआ। किंतु आदेश प्रति रिकार्ड में उपलब्ध नही है। ख.न. 158/7 एवं 158/6 को छोड़कर ख०न० 158/1, 158/2,158/3, 158/4 में अहस्तातंरणीय लिखा है।

यह स्पष्ट है कि मिसल में ख.न. 158 का रकबा 19.95 लिखा है जो अधिक रकबा 2.53 ख.न. 158 क्षेत्रफल नही है। ख.न. 158/5, 158/6. 158/7 किस आदेश के तहत रिकार्ड में दुरुस्त हुआ उसका कोई उल्लेख नहीं है। जिसके
कारण रकबा बढ़कर 24.98 हो गया है।

अनावेदक रामखिलावन व कृपाराम के द्वारा वर्ष 2010 में इसी न्यायालय में
रिकार्ड दुरुस्त किये जाने का आवेदन प्रस्तुत किया गया था जिसमे तत्कालीन
तहसीलदार ने स्थल जांच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने हेतु तत्कालीन हल्का पटवारी को ज्ञापन जारी किया था हल्का पटवारी के द्वारा स्पष्ट रूप से
बताया कि ख०न० 158/1 रकबा 10.83 नानकदास 158/ 2 रकबा 5.40 महेश
राम 156/3 रकबा 3.00 श्यामलाल 158/4 रकबा 1.00 महेश व 158/5 रकबा
2.00 ए. कौशल दास के नाम पर दर्ज होना प्रतिवेदित किया था।

जिसकी रकबा 19.95 से अधिक होने के कारण खारिज कर दिया गया था।

वर्ष 2010 के आवेदक कृपाराम एवं रामखिलावन नाम आवेदित भूमि ख०न० 158
किन्तु 2007-08 के पांचशाला खसरा में ख०न० 158/3 में कृपाराम का तथा
158/7 में रामखिलावन का नाम बिना किसी सक्षम न्यायालय अथवा सक्षम
अधिकारी के आदेश के बिना दर्ज पाया गया।

प्रकरण में आये उपरोक्त तथ्यों एवं दस्तावेजों के सुक्ष्म परिशीलन एवं अवलोकन
से स्पष्ट प्रतीत होता है कि तत्कालीन पटवारी आर.के. चेलके उसका सहयोगी
मनोज सतनामी, रामखिलावन मनोज सतनामी का (दादा), कुपाराम, मनोज
सतनामी का चाचा और आशुतोष वाधवनी रामखिलावन का मुख्तयार आम एवं
श्यामलाल सभी ने एक राय होकर शासकीय राजस्व अभिलेंखो में कुट रचना कर
उसे असल के रूप में उपयोग किये तथा उससे लाभ अर्जित किये है जिसके लिए
उनके विरुद्ध कानूनी कार्यवाही हेतू थाना कोटा को पृथक से ज्ञापन जारी किया
जाना एवं ख.न.158/3 की भूमि वापस नानकदास के नाम पर दुरुस्त करते हुए
ख.न 158/4 की भूमि रकबा 3.50 ए. को वापस शासन के नाम से दुरुस्त करने एवं ख.न. 158/6 व 158/7 को रिकार्ड रकबे के बराबर कर पूर्व में आंबटित कृषको को वापस दिये जाने व रामखिलावन एवं कृपाराम के द्वारा कुट रचित
रिकार्ड दुरुस्त करवा कर शासन को धान विक्रयकर अर्जित किये गये रकम की
वापसी की कार्यवाही किया जाना उचित होगा।

फिलहाल कूट रचना मामले की शिकायत जांच रिपोर्ट के आधार पर वरिष्ठ अधिकारी कार्यवाही करेंगे। देखना होगा कि अधिकारी इस गंभीर मामले पर क्या कार्यवाही करते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button