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मीठलबरा के गोठ…एपिसोड-3 बदजुबानी की वजह से जानवरों के डॉक्टरों के बीच हाथापाई…सीसीटीवी में कैद है घटना!

खबर खास छत्तीसगढ़ बिलासपुर। हमारा समाज डॉक्टरों को बड़े सम्मान की नजर से देखता है फिर चाहे वह जानवरों के डॉक्टर ही क्यों ना हो। अगर जानवरों का इलाज करते करते इनके बीच मारपीट की घटना घटी हो,तो कई सवाल जेहन में उठते हैं कि आखिर ऐसा क्या हुआ होगा जो दो डॉक्टर आपस में हाथापाई कर बैठे!

जिला पशु चिकित्सालय बिलासपुर में दो डॉक्टरों के बीच गुरुवार की सुबह 8:30 बजे बदजुबानी को लेकर जमकर हाथापाई हो गई। खबर से जानवरों के विभाग मतलब पशु पालन विभाग में हड़कंप मच गया। घटना के विषय में विभाग के जिसने भी सुना, कहा ठीक हुआ, होना चाहिए,ऐसे अधिकारी के साथ काम करना सम्मान खोने जैसा है। खबर आग की तरह फैल जाय ताकि अधिकारियों की उदासीनता भी शासन प्रशासन और विभागीय मंत्री तक पहुंचे।

किसी नें कहा साहब की बदजुबानी की शिकायतों का पुलिंदा है सीधे मुँह तो किसी से बात ही नहीं करते। करते हैं तो मुँह से गंदी गंदी गालियां निकलती है इनकी दादागिरी से पूरा का पूरा स्टाफ त्रस्त है।

छनकर एक बात निकल कर सामने आई कि साहब के खिलाफ एक बार तो सभी स्टाफ एकजुट होकर लिखित शिकायत कार्यालय में देकर आए थे। उम्मीद थी कि कम से कम बड़े अधिकारी उनकी पीड़ा समझेंगे उनसे न्याय मिलेगा, लेकिन साहब जांच तो हुई लेकिन कारवाई नहीं!

चौकाने वाली ऐसी खबरें भी निकल कर सामने आती रही हैं कि विभाग में सभी को पता है कि कैसे पशु चिकित्सक की प्रताड़ना से तंग आकर एक कर्मचारी मेडिकल लीव में है। इनकी दादागिरी और प्रताड़ना से एक स्टाफ को रात रात भर नींद नहीं आती है। कहते हैं इनकी स्टाफ में किसी से नहीं जमती।

लेकिन सब कुछ जानकर भी पशुपालन विभाग के उच्च अधिकारी इन पर कोई कार्यवाई नहीं करते?

कहते हैं कि मारपीट की घटना लोगों के बीच बचाओ से शांत तो हो गया लेकिन दोनों पक्ष थाने की ओर बढ़े थे थाने की चौखट तक मामला पहुँचता की इससे पहले ना जाने किस ने मामले को आगे बढ़ने नहीं दिया।

बताते हैं कि लगभग 2 वर्ष पहले गौ सेवा से जुड़े हुए गौ सेवकों ने भी इनके खिलाफ धरना प्रदर्शन किया था अपने कार्य के प्रति उदासीनता एवं दुर्व्यवहार के कारण आम जनमानस,कर्मचारी और अन्य सहयोगी डॉ के साथ इनका तालमेल नहीं बैठ रहा है।

खबरी नें टीप दी कि साहब जिला पशु चिकित्सालय में सीसीटीवी कैमरा लगा है अगर अधिकारियों को कल सुबह की घटना का सच जानना हो और विभाग की इज़्ज़त बचानी हो तो एक बार इस सीसीटीवी को जरूर खंगाल लें। वर्ना ऐसी घटना की पुनरावृत्ति होती रहेगी।

कहते हैं कि इस हाथापाई की घटना के बाद लोगों नें खुश होकर मिठाई और समोसे बांटे।

फिलहाल तो ऐसी भी खबर आ रही है कि सामाजिक संगठनों ने इनके खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी कर ली है अब देखना होगा कि यह हाथापाई वाला मामला बेजुबानों के अस्पताल से निकल कर आंखों, कानों और जुबानों वाले विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों तक जाता है कि नहीं? अगर गया तो क्या कोई कार्यवाई होगी? ये तो विभाग और उनके जिम्मेदार अधिकारी ही जाने!

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