रसूखदार राजस्व पटवारियों का जिले से बाहर तबादला… रसूखदारी टूटा भ्रम! क्या आम जनता को मिलेगी राहत!

खबर खास छत्तीसगढ़ बिलासपुर। प्रदेश भर में राजस्व विभाग के चुनिंदा अधिकारी और कर्मचारियों की कार्यप्रणाली और आम जनता की शिकायतें सुर्खियों में थीं। छत्तीसगढ़ शासन के मुखिया नें हाल ही में आईएएस अधिकारियों की रायपुर में ली गई बैठक में साफ कर दिया था कि तीन साल से एक ही स्थान पर जमे हुए पटवारियों का तबादला किया जाय। आखिरकार पटवारियों की स्थानांतरण सूची जारी कर 3 साल से ज्यादा जमे हुए पटवारियों को ज़िले से ही दूसरे जिले स्थानांतरित कर दिया गया,मतलब अंगद की तरह पैर जमाकर बैठे पटवारियों को जिले से बाहर कर दिया गया।
इस स्थानांतरण सूची में कई पटवारी ऐसे हैं जिन्हें इस बात का अभिमान था कि उन्हें उनकी मर्जी के बगैर कोई भी हटा नहीं सकता। हुए स्थानांतरण से उन्हें गहरा सदमा लगा है उनका भ्रम भी टूट कर चकनाचूर हो गया है कि उनकी पहुँच ऊँचे लोगों तक है। कुछ पटवारियों के खिलाफ एसीबी की जांच भी चल रही है वहीं कुछ के खिलाफ विभागीय जांच भी जारी है। दूसरी तरफ लोगों की शिकायत भी कम ना थी।
रासुखदार पटवारियों के बारे में पूरे शहर में चर्चा आम रहती थी कि ये एसडीएम, कलेक्टर और मंत्री को भी अपने सामने कुछ नहीं समझते थे।
फिलहाल राज्य सरकार द्वारा दो स्थानांतरण सूची जारी की गई है जिसमें एक में 23 लोग शामिल है और दूसरे में 167 पटवारी शामिल है।
सूत्रों के हवाले से ऐसी खबर भी निकल कर आ रही है कि ज़िला कलेक्टर बिलासपुर द्वारा भी तीन साल से अधिक समय से एक स्थान पर जमे पटवारियों की स्थानांतरण सूची भी निकट भविष्य में जारी की जा सकती है।
फिलहाल पटवारियों का जिले से बाहर स्थानांतरण किया जाना शासन का उचित निर्णय तब तक नहीं माना जा सकता जब तक आने वाले पटवारी से आम जनता की राजस्व सम्बधी समस्याओं का हल ना हो! शिकायतें दूर ना हो!