छात्रावास अधीक्षिका उषा केशरवानी की प्रताड़ना से तंग, छात्राओं नें कलेक्टर से की शिकायत।

खबर खास छत्तीसगढ़ बिलासपुर। छात्रावास से निकल कर कलेक्टर कार्यालय तक छात्राओं का शिकायत लेकर आना आदिवासी विकास विभाग की लचर व्यवस्था का ज्वलंत उदाहरण है।
पोस्ट मैट्रिक छात्रावास कि अधीक्षका उषा केशरवानी की प्रताड़ना से तंग आकर उन्हें वहां से हटाने और छात्रावास बदलने को लेकर बड़ी संख्या में छात्रावास की छात्राओं ने शुक्रवार को कलेक्टर से शिकायत करने पहुंची थीं।
गंभीर आरोप
बड़ी संख्या में कलेक्ट्रेट पहुंची छात्राओं ने अधीक्षिका पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया है।
यह पूरा मामला पोस्ट मैट्रिक छात्रावास शांति नगर का है जहां रहकर अध्ययन कर रही छात्राओं का कहना है कि छोटी-छोटी बातों पर अधीक्षिका द्वारा उन्हें प्रताड़ित किया जाता है इतना ही नहीं उनके द्वारा उनके चरित्र पर उंगली उठाई जाती है इसके अलावा उन्हें मिलने वाला भोजन भत्ता की आधी रकम अधीक्षक अपने पास रख लेती और उन्हें पूरे पैसे नहीं दिए जाते और शिकायत करने की बात पर उन्हें धमकाया जाता है।
छात्रों ने बताया कि हॉस्टल की हालत काफी खराब और जर्जर है वहां की बाउंड्री वाल भी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी है जहां से असामाजिक तत्वों का आसानी से आ जा सकते हैं कई बार शिकायत के बाद भी इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
हॉस्टल से कई बार चोरी की घटना हो चुकी हैं पर इस पर भी कोई उचित कार्यवाही नहीं हुई है और 3 दिन पहले भी एक छात्रा की साइकिल चोरी हुई है जिसकी शिकायत थाने में करने पर अधीक्षिका का द्वारा हमें रोका जा रहा है।
कर्मचारियों का कहना है कि अधीक्षक उनसे अपने घर में कार्य करवाती है और हॉस्टल भी रोज नहीं आती है जिसकी वजह से हॉस्टल का भी कार्य बाधित हो रहा है।
छात्रों ने कहा है कि इन सब की वजह से उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है इसलिए आज कलेक्टर से शिकायत करने बड़ी संख्या में छात्राएं पहुंची हैं।
सबसे बड़ा सवाल यह कि विभाग द्वारा संचालित आश्रम और छात्रावास का सतत निरीक्षण हेतु टीम बनाई गई है जिनका काम निरीक्षण करना है किंतु ऐसा लगता है कि यहां भी महज कागजी कार्यवाही कर सब कुछ ठीक बतलाया जा रहा है।
बहरहाल इस पूरे मामले में सी एल जयसवाल, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग बिलासपुर नें कहा कि मामले की जांच कराएंगे और दोषी पाए जाने पर अधीक्षिका पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।