प्रथम स्वदेशी बैंक,पंजाब नैशनल बैंक नें मनाया 128-वां स्थापना दिवस।

खबर खास छत्तीसगढ़ बिलासपुर। वैशाखी के पूर्व 12 अप्रैल 1895 में महान स्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपत रॉय द्वारा अनार कली बाजार, लाहौर में स्वदेशी पूंजी से स्वदेशी लोगो के लिए स्थापित “प्रथम स्वदेशी बैंक” पंजाब नैशनल बैंक आज अपनी 128वी वर्ष गांठ उल्लासपूर्ण वातावरण में मना रहा हैं।
शाखा कोनी में पूर्व कुलपति डॉ एस पी सिंह, पूर्व छात्रसंघ अधिष्ठाता डॉ एस वी एस चौहान, श्री आर के पांडेय, प्रोफेसर हरीश कुमार का आभार व्यक्त किया गया। पूर्व कुलपति डॉ सिंह ने पुरानी बातों को याद करते हुए बताया कि 1989 में जब इस अग्रेजो के बैरक में गुरुघासीदास विश्वविद्यालय राज्य शासन के आधीन मूलभूत सुविधाओं हेतु बैंक व पोस्ट ऑफिस की नितांत आवश्यकता थी। तब केवल पंजाब नैशनल बैंक के शिक्षा के उत्थान में अपने राष्ट्रीय कर्तव्यों का पालन करते हुए सुनसान बैरक में अपना विस्तार पटल खोलने का निर्णय लिया। उन्होंने बताया कि पीएनबी के उस विस्तार पटल का उद्घाटन करने हेतु तत्कालीन केंद्रीय मंत्री श्री अरविंद नेताम जी विशेष रूप से उपस्थित हुए थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता तत्कालीन कुलपति डॉ डी एन तिवारी जी ने की थी। पंजाब नैशनल बैंक प्रबंधन का आभार तत्कालीन कुलसचिव स्व श्री फणी भूषण त्रिवेदी जी किया था।
डॉ सिंह ने बताया कि सालों से विश्वविद्यालय के समस्त विभाग नये परिसर में स्थानांतरित होने से अब समय आ गया हैं कि बैंक प्रबंधन को भी कोनी शाखा को ऐतिहासिक स्थल से कहीं सुरक्षित परिसर में स्थानांतरित करें। वरिष्ठ शाखा प्रबंधक श्री ललित अग्रवाल ने अपनी टीम के श्री मनोज मिरी, श्री जितेंद्र डड़सेना व श्रीमती झरना पोर्ते सहित समस्त आगंतुक अथितियों का आभार व्यक्त करते हुए देश के दूसरे सबसे बड़े बैंक को और अधिक मजबूत करने में सहयोग मांगा। उपरोक्त जानकारी ललित अग्रवाल समन्वयक बैंकर्स क्लब, बिलासपुर द्वारा प्रेषित की गई थी।