सीएससी साधेलाल का कमाल…फर्जी मेडिकल बिल पेश कर होने वाला था… माला-माल?

खबर खास छत्तीसगढ़ बिलासपुर। एशिया का सबसे बड़ा विकास खण्ड शिक्षा कार्यालय बिल्हा एक बार फिर भृष्टाचार के मामले को लेकर सुर्खियों में है। इस बार फ़र्जी मेडिकल बिल पेश कर लाखों रुपए का भ्र्ष्टाचार करनें का सनसनीखेज मामला, कलेक्टर बिलासपुर से शिकायत के बाद, डीईओ द्वारा जारी किए गए जाँच आदेश से निकल कर सामने आया है।
क्या है मामला
बिल्हा ब्लॉक अंतर्गत शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला जलसों में प्रभारी प्रधान पाठक और सीएससी के पद पर पदस्थ शिक्षक साधे लाल पटेल ने अपने और परिजनों के नाम पर विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय बिल्हा में फर्जी मेडिकल बिल जमा किया था। फर्जी मेडिकल बिल को विभाग ने राज्य कार्यालय को फारवर्ड कर राशि भी मंगा ली। भुगतान होता इसके पहले ही शिकायतकर्ता धनंजय ने बिलासपुर कलेक्टर को पत्र लिखकर बिल्हा ब्लाक में फर्जी मेडिकल बिल के नाम पर फर्जीवाड़ा की शिकायत कर दी। शिकायत में लिखा है कि शिक्षक साधे लाल पटेल ने अपने और अपने परिजनों के नाम पर बीईओ कार्यालय बिल्हा में 30 लाख का बिल प्रस्तुत किया है। जिस वक्त उसने अपने आपको बीमार बताकर इलाज का बिल पेश किया है उस वक्त ड्यूटी में भी उपस्थित थे।
शिकायत के अनुसार, साधेलाल पटेल ने 29 अगस्त 2024 को जिला चिकित्सालय से स्वीकृत बिल कार्यालय में प्रस्तुत किया है जिसके अनुसार 77,564 रुपए की राशि उनके द्वारा इलाज पर खर्च की गई है और जिस बिल को उन्होंने जमा किया है वह बिल मूल रूप से शिक्षक असीम वर्मा का है, जिसको कूटरचित कर उन्होंने प्रस्तुत किया है।
इसी प्रकार अपने परिचित उमाशंकर चौधरी का 27 अगस्त 2024 को 5 लाख 42 हजार 535 रुपए का बिल प्रस्तुत किया है जो की मूल रूप से असीम वर्मा का है और 1,43,000 रुपये का बिल है।
इसी तारीख को स्वीकृत एक और बिल राजकुमारी पटेल जो साधेलाल की धर्मपत्नी का है जो 4 लाख 3 हजार 327 रुपए का है। जबकि मूल रूप से यह बिल 47 हजार का है।
इसी प्रकार एक बिल स्व नरेंद्र कुमार चौधरी के नाम से 5 लाख 33 हजार 123 रुपए का प्रस्तुत किया गया है जो जिला चिकित्सालय से 18 जनवरी 2022 को पास किया गया है जबकि मूल रूप से यह बिल 32, 000 रुपये का है।
राजकुमारी पटेल के नाम से 7 लाख 32 हजार 841 रुपए का फर्जी बिल प्रस्तुत किया गया है। दूसरे के नाम के बिल को अपना बात कर और राशि को बढ़ाकर विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में बिल प्रस्तुत किया है।
डीईओ ने गठित की जांच कमेटी
डीईओ अनिल तिवारी ने दो सदस्यीय जांच दल का गठन किया है। हायर सेकेंडरी स्कूल बैमा नगाई के प्राचार्य एसके कश्यप व हायर सेकेंडरी स्कूल सरकंडा के लिपिक घनश्याम दुबे को जांच करने और रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।
सुलगते सवाल
1 शिकायत कलेक्टर कार्यालय में क्यों दी गई?
2 क्या फ़र्जी मेडिकल बिल की जानकारी बिल्हा बीईओ को थी?
3 बिल्हा विकास खण्ड शिक्षा कार्यालय भृष्ट कार्यप्रणाली को लेकर आए दिन सुर्खियों में रहता है?
4 फ़र्जी मेडिकल बिल मामले में दोषी कौन कौन?
5 साधेलाल नें मेडिकल बिल क्लियर कराने के लिए किस किस को प्रलोभन दिया?
6 क्या नियमानुसार थाने में अपराध दर्ज कराया जाएगा?