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फूड इंस्पेक्टरों को बचाने की कवायद में जुटे प्रभारी खाद्य नियंत्रक… दिया गुरुमंत्र!

खासखबर छत्तीसगढ़ बिलासपुर। इन दिनों बिलासपुर जिले का खाद्य विभाग और उसके प्रमुख अधिकारी अपने फूड इंस्पेक्टरों की पैसा उगाही मामले की शिकायत पर लीपापोती करनें की वजह से सुर्खियों में बने हुए हैं। जिम्मेदार अधिकारी उनकी करतूतों पर फटकार लगाने व विभागीय जांच शुरू करने की बजाय उन्हें बचने हेतु गुरुमंत्र दे रहे हैं।

लीपापोती

खाद्य विभाग में थोक के भाव से फूड इंस्पेक्टर पदस्थ तो हैं लेकिन सभी पर आरोप लगते रहते हैं वहीं जिनकी शिकायत सार्वजनिक रूप से कलेक्टर बिलासपुर कार्यालय तक पहुँचती है वही मीडिया रिपोर्ट के माध्यम से शासन,प्रशासन और जनमानस तक पहुंच जाती है किन्तु ऐसे गंभीर शिकायतों पर भी खाद्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारी कार्यवाही करने की बजाय लीपापोती करनें में लगे हुए हैं।

क्या था मामला

शिकायत लेकर पहुंचे क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों नें खाद्य निरीक्षक आशीष दीवान और प्रीति चौबे पर आरोप लगाया था कि ये क्षेत्र के प्रत्येक राशन दुकानों से प्रतिमाह 1100 रुपए वसूल करते है। इसके अलावा होली, दीपावली में इनको अलग से चढ़ोत्तरी की उम्मीद होती है…!

राशन दुकान संचालको के अनुसार निरीक्षक आशिष दीवान और प्रीति चौबे का पेट तो कभी भरता ही नही है। अवैध वसूली से मन नही भरता तो वह कभी भी दुकान जांच के नाम पर पहुँच जाते है। जहाँ कार्यवाही का ख़ौफ़ दिखाकर उनसे मोटी रकम वसूल करते है।

नहीं बैठी जांच, उल्टे दे दिया गुरुमंत्र!

सूत्रों के हवाले से निकलकर एक सनसनीखेज खबर सामने आ रही है कि मस्तूरी के जनप्रतिनिधियों द्वारा फूड इंसपेक्टरों के खिलाफ की गई शिकायत पर विभाग प्रमुख द्वारा अब तक कोई जांच नहीं बैठाई गई है उल्टे अधिकारी द्वारा आरोपित फूड इंसपेक्टरों को यह गुरुमंत्र दिया जा रहा है कि शिकायतकर्ता राशन दुकान संचालकों से लिखवा लो कि उन्होंने इस प्रकार की कोई शिकायत नहीं कि है जब उन्होंने शिकायत ही नहीं की तो जांच किस बात की।

फिलहाल ऐसा लगता है कि खाद्य विभाग के प्रभारी खाद्य नियंत्रक अधिकारी को उनके अधीनस्थ कर्मचारियों की करतूतों से कोई फर्क नहीं पड़ता हो लेकिन प्रशासन सिविल सेवा आचरण अधिनियम के तहत चलता है जरूरत है उच्च अधिकारियों द्वारा मामले को संज्ञान में लेते हुए गंभीरता व सूक्ष्मता से जांच कराए जाने की, ताकि सच सामने आए, नहीं तो कोई भी झूठी शिकायत कर विभाग और अधिकारियों की क्षवि को धूमिल करता रहेगा।

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