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बहतराई पटवारी अनिल दोडवानी के खिलाफ की गई शिकायत की कब होगी जांच!

खासखबर छत्तीसगढ़ बिलासपुर। थोक के भाव से पटवारियों का तबादला शहर से गांव किए जाने पर ऐसा लगा था कि राजस्व संबंधी शिकायत से जुड़े मामलों में लोगों को राहत मिलेगी और ऐसा हुआ भी होगा लेकिन कुछ पटवारियों का नाम गंभीर शिकायतों के बाद भी तबादला सूची में नहीं होने पर सवाल खड़े होने लगे हैं अब जितने मुँह उतनी बातें निकल कर सामने आ रही है।

लोगों का कहना है कि कलेक्टर के जनचौपाल में सर्वाधिक शिकायती मामले राजस्व विभाग से जुड़े हुए थे बावजूद इसके शिकायतों पर कोई जांच नहीं कि गई, तो दोषियों पर कार्यवाही का सवाल ही नहीं उठता।

दूसरी ओर पुलिस प्रशासन प्रमुखों जैसे आईजी, एसपी द्वारा लगाए जा रहे जनचौपाल पर आम जनता का विश्वास बढ़ने लगा है। पुलिस अधीक्षक के जन दर्शन में सबसे अधिक राजस्व संबंधित मामला आये। पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार झा ने सभी थानों को आदेश दिया है कि मामले कि जांच कर दोषियों पर कारवाही करे।जिससे जनता का विश्वास पुलिस के प्रति बढ़ने लगा है।

दूसरी ओर जिन राजस्व विभाग के पटवारियों की लंबित शिकायतों का पुलिंदा तहसीलदार, एसडीएम से लेकर कलेक्टर कार्यालय में जांच के नाम पर पेंडिंग पड़ा हुआ है उनका नाम तबादला सूची में नहीं होना,अपने आप में सवाल है।

बात करें शहर से लगे हुए पटवारी हल्का बहतराई का तो यहाँ पदस्थ पटवारी अनिल डोडवानी के खिलाफ अनेंक शिकायतें हैं बावजूद इनका नाम तबादला सूची में नहीं होना, सवाल खड़े करता है।

क्षेत्र की जनता का कहना है कि बहतराई पटवारी हल्के में बहुत से अवैध कालोनियों का निर्माण किया जा रहा है लेकिन पटवारी द्वारा अनदेखी की जाती है जब जिम्मेदार ही निष्क्रिय हैं तो हमें क्या! पटवारी के साथ मारपीट का एक मामला आज भी सरकंडा थाने में लंबित है।

इस पटवारी के खिलाफ खसरा नंबर 310 बहतराई के शासकीय जमीन के हेराफेरी करने की शिकायत कलेक्टर डॉ सारांश मित्तर से मार्च 2021 में की गई थी। लेकिन हैरानी की बात यह है कि इतना गम्भीर मामले पर महीनों बीत जानें के बाद भी पटवारी अनिल डोडवानी के खिलाफ शिकायत पर ना तो जांच बैठी ना ही उन्हें हटाया गया कि ऐसे में इस पर सवाल उठना लाजिमी है कि एक पटवारी पर राजस्व प्रमुख मेहरबान है ?,,

अब ये जनता यदि सवाल यह उठाये कि शासकीय जमीन की हेरा फेरी के मामले में जांच क्यों नहीं हुआ। जबकि उस दौरान सुर्खियों में रहे इस मामले की गंभीर शिकायत पर मीडिया द्वारा सवाल पूछे जाने के बाद राजस्व मंत्री ने अनिल डोडवानी को सस्पेंड करने का आदेश राजस्व अधिकारियों को मौके पर ही दे दिया था। लेकिन आज तक न ही शिकायत की जांच हुई और न ही राजस्व मंत्री के आदेश पर पटवारी अनिल डोडवानी को सस्पेंड किया गया। तहसीलदार,आरआई, पटवारी और बाबूओं को क्यो मंत्री और कलेक्टर की डर नही है ये एक बड़ा सवाल है,क्या कारण है कि पटवारियों द्वारा आम जनता को बेवजह परेशान किए जाने कि शिकायतों पर जांच नहीं किया जाता है!

यह अपने आप मे एक सवाल है।

हाल ही में बहतराई पटवारी अनिल डोडवानी भी अपने पटवारी कार्यालय में नियम विरुद्ध असिस्टेंट बिठा रखा है जो बैठ कर खुलेआम बी1, बी2 और नामांतरण करने की एवज में रुपये की लेनदेन की बात करता है।

ऐसे पटवारी खिलाफ कारवाही क्यो नही कर रहे है ये अपनें आप में एक बड़ा सवाल है?

अभी हाल ही में कुछ पटवारियों का ट्रांसफर किया गया फिर कुछ ही महीने हुए थे उनको फिर से ट्रांसफर कर दिया गया लेकिन शिकायती अनिल डोडवानी दो साल से एक जगह पदस्थ है उनका ट्रांसफर क्यो नही हुआ?

फिलहाल देखना यह होगा कि कलेक्टर डॉ सारांश मित्तर दागी पटवारियों के खिलाफ मिली शिकायतों की जांच कर, कब तक दोषियों कार्यवाही करते है भी या नहीं!

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