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तहसील कार्यालय में केवल “दलालों” का काम किया जाता है- अध्यक्ष तहसील अधिवक्ता संघ।

खासखबर छत्तीसगढ़ बिलासपुर। बिलासपुर तहसील कार्यालय में व्याप्त अनियमितता की शिकायत को लेकर एसडीएम ने एक आदेश जारी किया है अब इस आदेश को लेकर तहसील कार्यालय में दलाली करनें वाले दलालों को गुस्सा आ रहा होगा या फिर हंसी ये बतलाना थोड़ा मुश्किल है ऐसा इसलिए क्योंकि जिले के हर तहसील कार्यालय में दलालों का वर्चस्व स्थापित है इनका कोई काम नहीं रुकता। इनकी तूती बोलती है।

इससे पहले भी बिलासपुर तहसील कार्यालय में चल रही अनियमितता की शिकायत को लेकर अधिवक्ता संघ द्वारा मुर्दाबाद के नारे लगाए गए थे, विधायक और कलेक्टर ने भी नाराजगी जाहिर की थी, वहीं हाइकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष ने भी शिकायत की थी।

आज एक बार फिर एसडीएम बिलासपुर ने तहसील अधिवक्ता संघ के शिकायत ज्ञापन पर जो निर्णय लिया है उस वह उनका कर्त्तव्य है,और इस निर्देश का पालन कितना होता है ये देखने वाली बात होगी।

दरअसल मामला कुछ ऐसा है कि आवेदक सिया सनेही दुबे अध्यक्ष तहसील अधिवक्ता संघ बिलासपुर जिला बिलासपुर द्वारा तहसील कार्यालय में व्याप्त अनियमित्ता के संबंध में आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया है।

उनका मानना है कि तहसील कार्यालय में केवल दलालों का कार्य किया जाता है तथा न्यायालय में पक्षकारों के समक्ष वकीलों/अधिवक्तागणों से निरंतर दुर्व्यवहार किया जाता है। दलालों से सीधे न्यायालय में आवेदन पत्र लिया जाता है।

उक्त शिकायत के संबंध में एसडीएम नें तहसीलदार/अतिरिक्त तहसीलदार नायब तहसीलदार एवं वाचकों को निर्देशित किया है कि न्यायालय में किसी भी प्रकार का आवेदन पत्र सीधे पक्षकार एवं उसके द्वारा अधिकृत विधिक प्रतिनिधि/अधिवक्ताओं अथवा पंजीकृत मुख्तियार आम के माध्यम से आवेदन स्वीकार किया जायेगा तथा आर्डरशीट में विधिवत हस्ताक्षर कराया जायेगा। दलालों के माध्यम से प्रस्तुत किये गये कोई भी आवेदन पत्र हस्ताक्षरयुक्त स्वीकार नहीं किये जायेगें। उक्त निर्देशों को कड़ाई से पालन करना सुनिश्चित करें।

आपको बता दे कि तहसील कार्यालय में ज्यादातर काम दलालों के माध्यम से होता है,जिसकी वजह से पीड़ितों पक्षकारों को ज्यादा रकम देना पड़ता है और दलालों के चक्कर मे घूमना भी पड़ता है। कई गरीब पक्षकार तो दलालों की डिमांड के सामने प्रकरण समाप्त या काम होने के पहले ही घुटने टेक देते हैं।

ख़ैर एसडीएम का यह निर्णय निश्चित ही सराहनीय है जिससे दूर दराज से आने वाले गरीब पक्षकारों को काफी राहत मिलेगा और दलालों से छुटकारा, रहा सवाल की दलालों के जमघट को रोकने एसडीएम क्या कदम उठाएंगे ये महत्वपूर्ण है।

एसडीएम द्वारा जारी निर्देश पर कब से अमल किया जाता है, क्या एसडीएम के निर्देश बाद तहसील कार्यालय में चल रही अनियमितता पर लगाम कसने की कवायद पर सफलता प्राप्त होगी? या फिर कुछ दिनों बाद फिर से दलाल एसडीएम के आदेश को ठेंगा दिखाते अपने पुराने ढर्रे पर काम काज मतलब दलालों का राज शुरू हो जाएगा।

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