डाक्टर से मारपीट के आरोपी को पुलिस द्वारा भगाने का मामला पकड़ रहा तूल…उच्च अधिकारियों से जांच की मांग।

खासखबर छत्तीसगढ़ बिलासपुर। बदलते हुए परिवेश में ना केवल अपराधों में वृद्धि हो रही है अपितु कानून एवं व्यवस्था की स्थिति भी दिन प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है पुलिस आरोपी को पकड़ने के बाद थाने ना ले जाकर रास्ते में छोड़ दे रही है वहीं जब इस बात की शिकायत पुलिस अधीक्षक से होती है तो आरोपी को पुलिस पकड़ कर न्यायालय में पेश करती है जहां से उसे जमानत पर छोड़ दिया जाता है। जिसका ज्वलंत उदाहरण रतनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र रतनपुर में सामने आया है।
मिली जानकारी के अनुसार रतनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के समस्त अधिकारी एवं कर्मचारियों ने पुलिस अधीक्षक बिलासपुर को पत्र लिखकर अवगत कराया है कि रतनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आए दिन असामाजिक तत्वों के द्वारा नशे की हालत में हंगामा किया जाता है साथ ही साथ डाक्टर व कर्मचारियों के साथ गाली गलौज व अभद्र व्यवहार किया जाता है। इसकी सूचना स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा रतनपुर थाने दी जाती है। इस पर रतनपुर पुलिस द्वारा कोई कारवाई नहीं की जाती।
अस्पताल प्रबंधन द्वारा घटना के दौरान जिस आरोपी को पुलिस के हवाले किया जाता है उसे बीच रास्ते में ही छोड़ दिया जाता है। इसकी शिकायत पुलिस अधीक्षक के पास होने पर तीन दिन बाद गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया जाता है जहाँ आरोपी को जमानत मिल जाती है.
गौरतलब हो कि 22 अक्टूबर.2021 की देर रात इलाज कराने आए मरीज के सहयोगी ने अस्पताल में हंगामा कर ड्यूटी कर रहे डॉ. अविनाश सिंह व वार्ड ब्यॉय गौरव कोशले के साथ गाली गलौज कर मारपीट की थी। इसकी सूचना डाक्टर ने रतनपुर थाना को दिया। थाने से पुलिस बल पेट्रोलिंग वाहन से अस्पताल पहुंची,और आरोपी को हिरासत में लेकर पुलिस बल थाना रवाना हो गई उसके बाद डाक्टर भी कर्मचारियों के साथ अपराध दर्ज कराने थाना पहुंचे. डाक्टर की रिपोर्ट पर पुलिस ने अपराध तो दर्ज किया पर आरोपी की तत्काल गिरफ्तारी नहीं बताई। इधर आरोपी को पकड़ कर पुलिस को सौपने के बाद भी कार्रवाई नहीं होने पर सोमवार को स्वास्थ्य कर्मचारियों ने घटना की शिकायत कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक के साथ आईजी बिलासपुर से कर अस्पताल में सुरक्षा बल तैनात करने की मांग की। इधर शिकायत होने पर छीछालेदर होने के डर से पुलिस ने घटना की रात अपराध दर्ज होने के बाद छोड़े आरोपी को आनन फानन में गिरफ्तार किया और उसे कोर्ट में प्रस्तुत किया. मिली जानकारी के मुताबिक आरोपी को कोर्ट से जमानत मिल गई है.
एफआईआर होने के बाद आरोपी को छोड़ा गया!
स्वास्थ्य कर्मचारियों ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया है कि घटना की सूचना देकर मौके पर आरोपी को पुलिस के सुपुर्द किया गया था। थाने में आरोपी के खिलाफ तुरंत ही अपराध दर्ज किया गया. फिर आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तारी दिखाकर कोर्ट में दूसरे दिन पेश करने के बजाय क्यों छोड़ दिया. कर्मचारियों ने इस कृत्य की जांचकर स्थिति स्पष्ट करने का निवेदन किया है।
पहले भी की है सुरक्षा की मांग
बीते 07 अगस्त 2021 को इस प्रकार के घटना से भयभीत होकर सुरक्षा की दृष्टि से समस्त अधिकारी एवं कर्मचारी द्वारा थाना प्रभारी को ज्ञापन देकर सुरक्षा के लिए पुलिस बल की मांग की गई थी जिसके पश्चात् भी ऐसी घटना निरंतर घट रहा है। जिससे कर्मचारी कार्य के दौरान स्वयं सुरक्षा के लेकर भयभीत है। अधिकारी एवं कर्मचारी द्वारा भयमुक्त व स्वतंत्रता पूर्वक अपने कर्तव्य का निर्वहन किया जा सकें। इसके लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र रतनपुर में सुरक्षा व्यवस्था करने की मांग की गई है।