बिलासपुर

सुरक्षा मानकों के परे लगा दिया क्रेशर… मानव जीवन और जैव विविधता को खतरा…जिम्मेदार खनिज अधिकारी कुम्भकर्णीय नींद में!

खासखबर छत्तीसगढ़ बिलासपुर। बिलासपुर से पथरापाली तक 53 किमी एनएच-130 फोरलेन सड़क का निर्माण के लिए ठेकेदार द्वारा नियम,कायदे और कानून को ताक पर रखकर जिम्मेदार जिला खनिज विभाग के संरक्षण में पत्थर खनन कार्य किया जा रहा। इससे न सिर्फ पर्यावरण को नुकसान हो रहा है। वहीं धूल गर्दे से लोगों के जीवन के साथ जैव विविधता को खतरा पैदा हो गया है। सारे सुरक्षा मानकों और शासन के दिशा निर्देशों को दरकिनार कर ठेकेदार द्वारा अस्थायी क्रसर भी लगाया गया है। खनिज विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों सतत निरीक्षण के बजाय आँखे मूंद कर बैठे हुए हैं जो अपने आप में एक बड़ा सवाल है!

बिलासपुर जिले में नेशनल हाईवे अथारटी आफ इंडिया के द्वारा बिलासपुर से पथरापाली तक 53.300 किमी एनएच-130 के लिए फोरलेन सडक का निर्माण किया जा रहा। नेशनल हाईवे अथारिटी आफ इंडिया नई दिल्ली ने निविदा के माध्यम से काम का ठेका बिलासपुर पथरापाली रोड प्राइवेट लिमिटेड अहमदाबाद को दिया है।

सड़क निर्माण के लिए पत्थर की जरूरत को पूरा करने कलेक्टर बिलासपुर के समक्ष पतरापाली रोड प्राइवेट लिमिटेड के मुख्तियार आम के रूप में कोरबा जिले के गांव सेमीपाली कुदुरमाल निवासी तेजराम साहू ने निम्न श्रेणी चूना पत्थर खनन के लिए रतनपुर नगरपालिका क्षेत्र के पटवारी हल्का नंबर 37 के खसरा नंबर 6631/1 के रकबा 17.13 हेक्टेयर में से 01 हेक्टेयर पर खनन के लिए 14 दिसंबर 2019 को आवेदन प्रस्तुत किया था। जिस पर कार्यालय कलेक्टर खनिज शाखा बिलासपुर छग द्वारा पत्र क्रमांक /461/ख.लि./न.क्र. बिलासपुर दिनांक 28 जनवरी 2019 जारी कर खनन के लिए कंपनी को अनुमति प्रदान की है। वहीं पत्थर खनन का काम कंपनी के द्वारा खनिज नियम कायदे कानून को ताक पर रखकर किया जा रहा है। जिससे कि पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा. खनिज विभाग द्वारा राजस्व नक्से पर जिस जगह को चिंहांकित किया गया है। उसके ठीक विपरीत दिशा में नदी किनारे पहाड़ी पर उत्खनन कार्य कराया जा रहा है।

पत्थर खनन के लिए खनिज नियमों को ताक पर रखकर पत्थर तोड़ने अस्थायी क्रसर भी लगाया गया है। जहाँ सुरक्षा मानकों को खुलेआम ठेंगा दिखाया जा रहा है क्रसर मशीन के उपयोग से उड़ रहे धूल और गर्दे से जहाँ आसपास के किसान परेशान हैं वहीं पर्यावरण को भी नुकसान पहुंच रहा है। इससे अंचल की जैव विविधता भी खत्म होती जा रही है। पशु पक्षियों का जीवन भी संकट में है। इसकी वजह से अंचल में दिखने वाले कई प्रजातियों के प्रवासी पक्षी इस साल दिखाई नहीं दे रहे हैं.इसे लेकर इस अंचल के लोगों में तीखी नाराजगी देखी जा रहा है।

इस मामले पर ब्लॉक कांग्रेस कमेटी रतनपुर के अध्यक्ष व पार्षद रमेश सूर्या ने कहा धार्मिक और पर्यटन नगरी रतनपुर की पहचान पहाड़ों से है राजस्व विभाग द्वारा चिंहांकित खदान से अन्यत्र खनन होने की शिकायत मिली है। अवैध रूप से क्रसर भी नदी के किनारे लगाया गया है। इससे पर्यावरण को भी नुकसान पहुंच रहा है. मामले को मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाकर दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

अनुविभागीय अधिकार राजस्व कोटा से भी मामले की विधि सम्मत जांच कर कार्रवाई कर अवैध कार्यों पर अंकुश लगाने की मांग की है।

फिलहाल खनिज विभाग,पर्यावरण विभाग और स्थानीय प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा उपरोक्त स्थल का निरीक्षण और शिकायत पर जांच और सुरक्षात्मक कदम नहीं उठाए जाने से सवाल खड़े होना लाजमी है।

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