बिजली विभाग का टूटा पोल…खोल रहा मेंटेनेंस की पोल।


खासखबर छत्तीसगढ़ बिलासपुर। सरकार बिजली विभाग को हर साल लाखों रुपए मेंटेनेंस के नाम देती है विभाग बाकायदा मेंटेनेंस किए जाने का कार्य करता है या फिर ठेकेदार द्वारा करवाया जाता है। यह सब इसलिए किया जाता है ताकि बिजली बिल भरने वाली जनता को निर्बाध रूप से बिजली मिलती रहे और विभाग की सामान्य लाइन,11 केव्ही और 33 केव्ही लाइन सुचारू रूप से संचालित होते रहे।
करगीरोड कोटा में बिजली विभाग के शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के इंजीनियर,एस डी ओ का ऑफिस है, लगातार क्षेत्रों की मानीटरिंग लाइन मैन, व बिजली विभाग के कर्मचारियों, अधिकारियों द्वारा की जाती है।
मेंटेनेंस के नाम पर बिजली विभाग के कई जगह जरूरत के अनुसार मरम्मत के कार्य चलते रहते है, खास तौर पर बरसात के पूर्व रख रखाव का काफी ध्यान दिया जाता है परन्तु आस्चर्य की बात है कोटा से लगे कलारतराई में मुख्य मार्ग के किनारे एक बिजली का सीमेंट का खम्भा जिसे पोल कहते हैं जो ऊपर से पूरी तरह से टूट चुका है, कभी भी हवा या अन्य कारणों से गिर सकता है टूट कर और बिजली प्रवाहित तार के टूटने या फिर गिर जाने से जान माल का खतरा हो सकता है बड़ा हादसा हो सकता है।
आश्चर्य की बात है कि इस ओर बिजली विभाग और विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों का ध्यान नहीं जा रहा है या फिर देखकर किसी दुर्घटना के बाद पोल बदले जाने का इंतजार कर रहे हैं।
खबर लिखने का उद्देश्य साफ है कि यदि बिजली विभाग के जिम्मेदार समय रहते बिजली के इस टूटे पोल को नहीं बदलते और कोई दुर्घटना कारित होती है तो दुर्घटना का जिम्मेदार बिजली विभाग के अधिकारी कर्मचारी होंगे।
इसलिए बिजली विभाग के उच्च अधिकारियों को चाहिए कि ऐसे किसी दुर्घटना को जन्म देने वाले खतरनाक जानलेवा टूटे फूटे पोल को तत्काल बदलवाएं ताकि दुर्घटना की संभावना कम हो और उपभोक्ता निरन्तर निर्बाध रूप से बिजली का उपयोग करता रहे।