पंजीयक कार्यालय में रखे दस्तावेजों से छेड़छाड़… बंधिया और तालाब की हो गई बिक्री… तीन बार लिखित शिकायत के बाद भी जांच नहीं किए जाने पर…उठ रहे सवाल!

खासखबर छत्तीसगढ़ बिलासपुर। जब राजस्व मामले में कोई भी शिकायत होती है तो सम्बंधित अधिकारी मामले की गंभीरता को देखते हुए शिकायत की जांच का आदेश जारी करते हैं किंतु यहां मामला शासकीय अभिलेखों में दर्ज तालाब और बंधिया को बिक्री करने के लिए पंजीयक कार्यालय में रखे दस्तावेज में छेड़छाड़ कर शासकीय अभिलेखों में दर्ज तालाब और बंधिया की बिक्री और अवैध प्लाटिंग का है जिसकी अनुविभागीय अधिकारी से तीन तीन बार शिकायत का मामला है। जिसमें आज तक ना कोई जांच शुरू की गई। ऐसे में विभाग पर सवाल खड़े होना जरूरी है।
शिकायतकर्ता प्रकाश सिंह पेशे से अधिवक्ता हैं उन्होंने अपने आवेदन पत्र में साफ तौर से लिखा है कि अनुविभागीय अधिकारी बिलासपुर को ग्राम चिल्हाटी के तालाब व
बंधिया के अवैध प्लाटिंग संबंध में तीन बार शिकायत करने पर पर कोई कार्यवाही न होने पर कलेक्टर बिलासपुर को पत्र लिखकर अवगत कराया।

अधिवक्ता नें लिखा है कि उन्होंने अनुविभागीय अधिकारी
बिलासपुर के समक्ष एक शिकायत दिनांक 22/11/2019 को ग्राम चिल्हाटी प.ह.न. 19/29 तह. व जिला बिलासपुर के
वाजिब उल अर्ज़ मे की प्रविष्टि के आधार पर की गई थी,जिसके अनुसार ख.न. 224 रकबा 16.99 एकड़ बंधीय तथा ख.
न. 227 रकबा 1.46 एकड़ तालाब की भूमि है। उक्त वाजिब उल अर्ज़ की ख. न. 224 की भूमि को तत्कालीन पटवारी व
तहसीलदार द्वारा वर्ष 2015 – 16 के प्र. क्र. अतिरिक्त तहसीलदार / 133 / अ – 6 अ / 2015 – 16, आदेश दिनांक
22/10/2016 के माध्यम से आवेदक भोंदूदास पिता छेदिदास निवासी हेमुनगर मंझवापारा तह व जिला बिलासपुर के पक्ष
4.50 एकड़ भूमि आदेशित किया गया । उक्त प्रकरण मे आवेदक भोंदूदास के द्वारा दिनांक 01/06/1976 के कूटरचित
विक्रय पत्र जिसका पंजीयन कार्यालय मे इंडेक्स मे कूटरचित हस्तलेखन द्वारा नवीन प्रविष्टि ग्रंथ क्र. 4240, दस्तावेज क्र.
4193 किया गया है जो कि इंडेक्स के अवलोकन से तथा हस्तलेखन विशेषज्ञ से जाँच करवाने पर स्पष्ट हो जाएगा।
उक्त ग्राम चिल्हाटी के ख.न. 227 रकबा 1.46 एकड़ जो कि शासकीय अभिलेखों मे तालाब दर्ज है कि बिक्री के लिए
आवश्यक दस्तावेजों मे तत्कालीन पटवारी द्वारा जानबूझकर तालाब की जानकारी को छुपाया गया है, ( पंजीयन दिनांक
20/02/2018 )

वर्तमान मे उक्त खसरा कि तालाब की भूमि को समतल कर अवैध प्लाटिंग कर दी गई है।
अधिवक्ता लिखते हैं कि उक्त खसरा 224 व 227 के संबंध मे लिखित शिकायत अनुविभागीय अधिकारी बिलासपुर से पहली बार दिनांक 22/11/2019 को, दूसरी बार 13/08/2020 को तथा तीसरी बार 25/11/2020 को की गई है, परंतु आज दिनांक तक किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गई है और न ही कोई जाँच की गई है।
उनका कहना है कि जो भी व्यक्ति
तालाब व बंधिया के समतलिकरण व उसके स्वरूप परिवर्तन मे शामिल है उनके विरुद्ध कड़ी कार्यवाही तथा तालाब व बंधिया का सीमांकन करा के उसे पुन: जीवित किया जाय।
बहरहाल अब मामला राजस्व प्रमुख जिला कलेक्टर बिलासपुर के पास है देखना होगा कि क्या पंजीयक कार्यालय में रखे दस्तावेज में छेड़छाड़ कर तालाब और बंधिया की बिक्री से जुड़े गंभीर शिकायत मामले में जांच के निर्देश देते हैं या नहीं।