बेजुबानों के लिये ना चारा ना पानी…गौठान में भूख से गाय की मौत…सैकड़ों बेजुबान भूख से बेहाल…मुख्यमंत्री की महती योजना को अधिकारी लगा रहे पलीता।


खासखबर छत्तीसगढ़ बिलासपुर मल्हार। छत्तीसगढ़ शासन में मुख्यमंत्री की महती योजना नरवा, गरुवा, घुरवा और बारी नगर पंचायत मल्हार में अधिकारियों की लापरवाही से कागजों में प्रगति कर रही है लेकिन जमीनी हकीकत से कोसों दूर नजर आती है।

नगर पंचायत मल्हार में बेजुबान मवेशियों को रखने के नाम पर अस्थायी गौठान मंगल भवन परिसर में मवेशियों को डाल दिया गया है। भरी बरसात में बेजुबानों को रखने शेड के नाम पर महज़ एक 20 बाई 40 के प्लास्टिक तिरपाल को लगा दिया गया है। आश्चर्य की बात यह है कि यहाँ बेजुबानों को रखा तो गया है किंतु उनका पेट भरने न चारा है और न ही पानी, मैदान में चारों ओर कीचड़ भरा हुआ है ऐसे में मवेशियों की स्थिति का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।

नगर पंचायत मल्हार में शासन की योजना के तहत अब तक गौठान का निर्माण हो जाना था लेकिन यहां के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की निष्क्रियता के कारण अब तक गौठान निर्माण कार्य नहीं कराया जा सका है जिसका खामियाजा गाँव के किसान और मवेशियों को भुगतना पड़ रहा है।

कहते हैं कि जब किसानों द्वारा मवेशियों को रखने नगर पंचायत के जनप्रतिनिधियों से आग्रह किया तब नगर पंचायत द्वारा डेढ़ करोड़ में तैयार किये गए मंगल भवन को ही गौठान बनाकर बिना किसी चारा, दाना,पानी व्यवस्था के उनमे 200 गायों को ठूस दिया गया है।

जिसका खामियाजा आज एक बेजुबान मवेशी को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी है, पिछले दो दिनों से रुक रुक कर हो रही बारिश और भूख से बेहाल मवेशियों में से एक ने आखिरकार दम तोड़ दिया जिसे वहां तैनात कर्मचारियों ने दूर फेक कर अपनी ड्यूटी पूरी कर दी।
गौरतलब है कि बीते वर्ष भी इसी तरह मंगल भवन में सैकड़ों मवेशियों को रखा गया था, जिनमे से दर्जन भर मवेशियों ने भूख प्यास से तड़प तड़प कर दम तोड़ दिया था।
मस्तूरी क्षेत्र में लगभग सभी पंचायतों में गौठान निर्माण हो गया है क्षेत्र का एक मात्र नगर पंचायत है जिसमे मवेशियों को रखने गौठान की कोई व्यवस्था नही की गई है ऐसा लगता है कि यहाँ पदस्थ अधिकारी मुख्यमंत्री की महती योजना को पलीता लगाकर शासन की क्षवि धूमिल करना चाहते हैं।
योजना की मॉनिटरिंग कर रहे जिले के जिम्मेदार अधिकारियों को चाहिए कि मौके पर जाकर बेजुबानों की व्यवस्था करनें निर्देश दें ताकि शासन की योजना कागजों से अधिक धरातल पर नजर आए। साथ ही बेजुबानों को योजना का पूरा लाभ मिल सके बदहाल व्यवस्था के चलते बेमौत, मौत का शिकार ना हों।