चोरों के निशाने पर रतनपुर… बार बार चोरी होने से थाना प्रभारी की योग्यता एवं कार्य क्षमता पर जनता उठा रही सवाल…

खासखबर छत्तीसगढ़ बिलासपुर। महामाया की नगरी रतनपुर इन दिनों चोरों के निशाने पर है यहाँ आए दिन बेख़ौफ़ चोरियाँ हो रही है वहीं चोरी की वारदात मुख्य मार्ग और थाने से महज कुछ दूरी पर हो तो निश्चित ही थाना प्रभारी की कार्य क्षमता,योग्यता और व्यवस्था पर सवाल खड़े होना लाजमी है। लोगों का कहना है कि रतनपुर थाना क्षेत्र में लगातार चोरियों की वारदात हो रही है इस पर रोक लगाने में थाना प्रभारी असफल साबित हो रहें हैं बावजूद इसके थाना प्रभारी को नहीं बदला जाना उच्च अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त होने जैसा ही है।
आज रतनपुर थाना से महज 100 मीटर की दूरी पर रतनपुर का हृदय स्थल कहे जाने वाले “भीम चौक” स्थित तीन दुकानों का ताला चोरों ने तोड़ कर चोरी की वारदात को बेखौफ अंजाम दिया। लोगों का कहना है कि यहाँ पर देर रात लोगों की आवाजाही बनी रहती है। कई दुकानों में सीसी टीवी लगे हैं ऐसे में दुकानों का ताला तोड़कर चोरी की वारदात को अंजाम दिया जाना रतनपुर पुलिस थाना के थाना इंचार्ज और उनकी व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हैं। ऐसे में पुलिस पॉइंट,और गश्त पर भी प्रश्रचिन्ह लग जाता है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार महामाया मेटल स्टोर से तकरीबन 15000 हजार रुपए नगद,शंकर मेडिकल स्टोर से चिल्हर सहित करीब 10000 नगद साथ ही शातिर चोरों ने खुद की पहचान छिपाने डीवीआर मशीन को लेकर चलते बने। माँ जानकी स्टोर में चोरों को कुछ नही मिला।
जानकारी के अनुसार माँ जानकी मेडिकल स्टोर का सीसी टीवी बंद था।
कहते हैं कि पुलिस का काम ही है आम जनता की सुरक्षा व्यवस्था और शांति व्यवस्था बनाए रखना। लेकिन इन दिनों रतनपुर थाना क्षेत्र की आम जनता की नींद उड़ गई है व्यवसायियों की दुकानों के ताले टूटे रहे हैं लाखों की चोरियां हो रही है ऐसे में रतनपुर पुलिस और उच्च अधिकारी चोरी की घटना पर रोक लगाने कोई ठोस कदम उठाने में नाकाम साबित हो रहे हैं।
बताया जाता है कि लंबे समय से रतनपुर चोरों के निशाने पर है। चोरी के दर्जनों मामले लंबित हैं। चोरी की वारदात की तहकीकात में उच्च अधिकारियों का मार्गदर्शन और अन्वेषण अधिकारी की योग्यता और क्षमता की आवश्यक होती है। ऐसी चोरियों का पता लगाना कठिन कार्य है इसे योग्य अन्वेषण अधिकारी ही हल कर सकता है।
किसी भी इलाके के थाना प्रभारी को उनके इलाके की पूरी जानकारी होती है लेकिन उसके बाद भी थाना प्रभारी चोरी की वारदात पर अंकुश लगाने का कोई प्रयास करते नजर नहीं आते शायद इसलिए चोरों के हौसले बुलंद नजर आते हैं।
लोगों का कहना है कि थाना प्रभारी को बड़े अधिकारियों की फटकार पड़ते ही उनके द्वारा दूर दराज की छोटी मोटी चोरियों का खुलासा कर दिया जाता है फिर ढाक के तीन पात वाली स्थिति निर्मित हो जाती है।
फिलहाल इतना ही कहा जा सकता है कि जनता और व्यवसायियों की नजर में रतनपुर थाना इंचार्ज अपने क्षेत्र में हो रहे चोरियों और अन्य अपराध पर अंकुश लगाने में नाकाम साबित हो गए हैं। जरूरत है ऐसे मामले में उच्च अधिकारियों को सही निर्णय लेने की, ताकि पुलिस स्थापना के उद्देश्यों को पूरा किया जा सके।