बिलासपुर

अनुकम्पा नियुक्ति मामले में मुख्यमंत्री द्वारा जारी आदेश और निर्देश का उल्लंघन कर रहा नगर निगम बिलासपुर!

नगर निगम अंधे की रेवड़ी के समान बांट रही है अनुकंपा नियुक्ति

अंधा बांटे रेवड़ी चिन्ह-चिन्ह आपन को देंय

अनुकम्पा नियुक्ति के मामले में मुख्यमंत्री की इच्छा का उल्लंघन कर रहा है नगर निगम

खासखबर छत्तीसगढ़ बिलासपुर। प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने 1 माह पूर्व अनुकंपा नियुक्ति के सभी मामलों में पूरी तत्परता से प्रक्रिया निपटा कर आवेदकों को अविलंब, नौकरी देने का आदेश-निर्देश जारी किया था। उन्होंने प्रदेश के सभी शासकीय, अर्ध शासकीय विभागों, और संस्थाओं को स्पष्ट निर्देश दिया गया था कि वह अपने विभाग में अनुकंपा नियुक्ति के लंबित प्रकरणों को तत्काल निपटा कर अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान करें।

प्रदेश के सभी शासकीय,अर्ध शासकीय विभागों और संस्थाओं के द्वारा उक्त आदेश का पालन करते हुए अपने-अपने विभागों में लंबित अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरणों को निपटाते हुए सभी लंबित मामलों में निर्णय लिया जा कर अभ्यर्थियों को अनुकंपा नियुक्ति दे दी गई। इसी तारतम्य में बिलासपुर नगर निगम के द्वारा भी अनुकंपा नियुक्ति के लंबित आवेदनों को निपटाने का झूठा नाटक करते हुए मात्र 7 अभ्यर्थियों को ही अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की गई। जबकि नगर निगम में दिवंगत कर्मचारियों के आश्रितों के कुल 27 आवेदन लंबित थे। मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप इन सभी 27 आवेदकों को बिना देर किए अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की जानी थी। लेकिन ऐसा ना कर बिलासपुर नगर निगम के द्वारा 27 अभ्यर्थियों के स्थान पर मात्र 7 अपने-अपने चिन्हित आवेदकों को ही अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की गई। बाकी 20 अनुकंपा नियुक्ति के आवेदकों के आवेदन शायद रद्दी की टोकरी में फेंक दिए गए।

चर्चा है कि बिलासपुर नगर निगम में साजिश पूर्वक मात्र 7 आवेदकों को नियुक्ति देकर बाकी 20 पात्र आवेदकों को मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए आदेश के विरुद्ध अनुकंपा नियुक्ति नहीं दी गई। बिलासपुर नगर निगम द्वारा ऐसा पक्षपातपूर्ण निर्णय क्यों लिया गया। ऐसा निर्णय लेने में किन लोगों की भूमिका संदेहास्पद रही। इसकी जांच की जानी चाहिए। साथ ही कई वर्षों से लंबित अनुकंपा नियुक्ति के 20 बचे हुए आवेदकों को भी, मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुसार तत्काल प्रक्रिया पूरी कर नियुक्ति पत्र दिया जाना चाहिए।

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