राजस्व निरीक्षक ने मौके पर किए गए पंचनामे को कर दिया गायब,,,उसकी जगह कूट रचित पंचनामा किया संलग्न,पीड़ित ने की कलेक्टर जनदर्शन में शिकायत!

खबर खास छत्तीसगढ़ बिलासपुर। राजस्व निरीक्षक ने जमीन का सीमांकन कर चार महीने बाद प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जिसमें मौके पर किए गए पंचनामा को गायब कर कूट रचित पंचनामा संलग्न था जिसमें न तो आवेदक के हस्ताक्षर थे और न ही मौके पर मौजूद एक अन्य व्यक्ति के दस्तखत है। इसकी शिकायत कर जिला स्तरीय टीम गठित कर नक्शा बंटाकन और सीमांकन करने की मांग कलेक्टर जनदर्शन में की गई है।
क्या है मामला
वार्ड नंबर 06 रतनपुर पिताम्बर भारत पिता स्व. शिवराम माली ने बताया कि उनकी पैतृक भूमि रतनपुर पटवारी हल्का नंबर 12 में खसरा नं. 6419/1, 6419/2 रकबा क्रमशः 0.069 हेक्ट, 0.081 हेक्टेयर भूमि गिरिजाबंद रोड से आवास मोहल्ला जाने के रास्ते से लगा हुआ है। राजस्व अभिलेखों में भी जमीन उनके नाम पर दर्ज है। उनके पिता शिवराम माली ने खसरा नं. 6419/1 में से 0.13 एकड़ भूमि व पीछे की भूमि खसरा नं. 6441/1 रकबा 0.52 एकड़ भूमि को विमला बाई पति स्व. माहन कहरा वगैरह निवासी कहरापारा रतनपुर के पास 19 जून 2000 को चौहद्दी दर्शितकर बेचा है। जिसके आधार पर नामांतरण के बाद क्रेता विमला बाई के नाम पर उसकी क्रयशुदा भूमि अभेलेखों में दर्ज है।
विमला बाई पति स्व. मोहन कहरा खसरा नंबर 6441/1 रकबा 0. 52 एकड भूमि को गलत चौहद्दी दर्शाकर पीछे की जमीन को पश्चिम दिशा में रोड से लगा हुआ बताते हुए 19 जुलाई 2013 को रमेश शर्मा उर्फ अन्ना शर्मा पिता स्व. जगदीश प्रसाद शर्मा निवासी माली बाड़ी रतनपुर के पास रजिस्टर्ड बिक्री कर दी गई है। रमेश शर्मा की क्रयशुदा भूमि मौके पर रोड से लगी हुई स्थित नहीं है। मौके पर रमेश शर्मा की क्रयशुदा खसरा नं. 6441/1 भूमि उनके जमीन के पीछे स्थित है, जो कि आनलाइन नक्शे में भी स्पष्ट रूप से दर्शित है।
विमला बाई पति स्व. मोहन कहरा ने शिवराम माली से जो जमीन खरीदी थी और जो चौहद्दी जमीन का रजिस्ट्री दस्तावेज में है उसके हिसाब से चौहद्दी नहीं दर्शा कर अपनी मर्जी से जमीन को सीसी रोड से लगा बताकर रमेश शर्मा से रजिस्टर्ड बिक्री कर दिया गया है।
पिताम्बर का आरोप है कि उसने अपनी स्वामित्व की भूमि सही सीमा की जानकारी के लिए न्यायालय तहसीलदार के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किया था। जिस पर तत्कालिक राजस्व निरीक्षक सुनील कुमार कश्यप ने समीपी भूमि स्वामियों को विधिवत सूचना तामिल कर सीमांकन कार्य किया था। मौके पर ही रमेश शर्मा की भूमि खसरा नं. 6441/1 रकबा 0.52 एकड़ भूमि को आवेदक की भूमि के पीछे स्थित होना बताया गया था। मौके पर ही पंचनामा तैयार किया गया था जिसमें उसने और संजय यादव ने भी उपस्थित लोगों के साथ हस्ताक्षर किये थे। रमेश शर्मा ने मौके पर पंचनामा में हस्ताक्षर करने से इन्कार कर दिया गया था।
पीताम्बर ने बताया सीमांकन के 3-4 माह बाद सीमांकन प्रतिवेदन व पंचनामा तहसील न्यायालय में राजस्व निरीक्षक सुनील कुमार कश्यप ने प्रस्तुत किया। इसकी विधिवत नकल लेने पर जानकारी हुई की तत्कालिक राजस्व निरीक्षक सुनील कुमार कश्यप ने मौके पर जो पंचनामा तैयार किया था जिसमें अन्य लोगों के साथ उसके और संजय यादव के हस्ताक्षर थे वो नहीं था। जिस रमेश शर्मा ने मौके पर पंचनामा में हस्ताक्षर करने से ही इनकार कर दिया था उसके और अन्य लोगों हस्ताक्षर वाला पंचनामा संलग्न है। पंचनामा का विवरण भी जमीन का माप कर बताए गई जानकारी के हिसाब से नहीं था।
विमला बाई के द्वारा शिवराम माली से खरीदी गई जमीन की रजिस्ट्री दस्तावेज और उसमें दर्शाई गई चौहद्दी का अवलोकन और जांच करने से ही पूरा फर्जीवाड़ा का मामला साफ हो जाएगा।
शिवराज माली से रोड किनारे की खरीदी जमीन पर विमला बाई अब भी काबिज है। वहीं पीताम्बर की जमीन जो रोड से लगी है को विमला बाई ने अपनी जमीन का खसरा नंबर और गलत चौहद्दी दिखा कर रमेश शर्मा के पास रजिस्टर्ड बिक्री कर दिया गया है।
वहीं रमेश शर्मा भी खरीदी गई जमीन के विक्रेता के खिलाफ धोखाधड़ी का अपराध दर्ज करने के बजाय दूसरे खसरा नंबर की जमीन पर दावा कर रहा है।
रमेश शर्मा भी विमला बाई से जिस खसरा नंबर की जमीन की खरीदी की है उसका सीमांकन कार्य कराने से बच रहा है। वो अपनी खरीदी जमीन का सीमांकन करा लेंगे तो सही स्थिति सामने आ जाएगी।
पीताम्बर ने कलेक्टर जनदर्शन में पहुंच कर जिला स्तरीय टीम का गठन कर नक्शा बटांकन और सीमांकन कराने की मांग कलेक्टर बिलासपुर से की है।