लाखों रुपए का धान… उधार में लेकर, फरार हो गया दुकानदार, ठगे गए किसानों ने की थाने में शिकायत।

खासखबर छत्तीसगढ़ बिलासपुर। किसानों द्वारा उपजाई रबी फसल धान जिसे सरकार नहीं खरीदती उसे किसानों से उधार में लेकर एक दुकानदार किसानों को लाखों रुपए का चूना लगा कर रफूचक्कर हो गया है। किसानों ने इस मामले की लिखित सूचना थाने में देकर रकम वापस दिलाने की मांग की है।
मामला सीपत थाना क्षेत्र के ग्राम खैरा (ल) से सामने आया है। इस गांव के 20 से अधिक किसानों ने आज सीपत थाने में एक लिखित शिकायत देकर गुहार लगाई है कि उनके गांव का एक किराना दुकानदार जो गांव में दो साल पहले किराए पर मकान व दुकान लेकर दुकानदारी करता था उसने कई किसानों से रबी फसल का धान उधार में लेकर बिना किसानों को उनके धान का पैसा दिए परिवार सहित एकाएक गांव से फरार हो गया।
किसानों ने बताया कि खैरा (ल) गांव के प्रतिष्ठित किसान कृष्ण कुमार पाठक के यहां 2 साल से किराये से रहने वाला ललित गर्ग दो साल से कृष्ण कुमार पाठक के मकान में ही किराए की दुकान लेकर किराना का व्यापार भी करता था। गांव में सभी से उसकी पहचान हो गई थी। अभी हाल ही में रबी फसल धान की लुआई और मिसाई के बाद ललित गर्ग नामक इस शख्स ने खैरा (ल) गांव के कई किसानों का धान, उधार में ले लिया। किसान इस भरोसे में थे कि ललित गर्ग जल्दी ही धान बेचकर उनका पैसा उन्हे दे देगा। लेकिन वे लोग इंतजार ही करते रह गए, और गांव के कृष्ण कुमार पाठक के यहां रहने वाला ललित गर्ग 21 जून को अपने परिवार के साथ मकान दुकान में ताला लगाकर फरार हो गया है। वो खैरा (ल) गांव के कई किसानों का 20 लाख से भी अधिक रकम का धान बेचकर पैसे अपने पास रख कर एकाएक 21 जून सन् 2021 को गांव से परिवार सहित गायब हो गया। उसके मकान मालिक कृष्ण कुमार पाठक को भी ललित गर्ग के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
कुछ दिनों तक उसकी खोज खबर की गई लेकिन जब इसके बाद भी उनके साथ धोखाधड़ी कर लाखों का चूना लगाने वाले ललित गर्ग का पता नहीं चला तो उसके द्वारा ठगे गए किसानों ने सीपत थाने में उसके खिलाफ एक लिखित शिकायत दी है। इस शिकायत में ही उक्त सारी बातें लिखकर उन्होंने पुलिस से गुहार की है कि उन्हें ठगने वाले ललित गर्ग का पता लगाकर ग्रामीणों को उनके धान की रकम दिलवाई जाए।
किसानों नें बतलाया कि ललित गर्ग अपनी पत्नी और बच्ची को कुछ दिन पहले शादी में जा रहे हैं कहकर भेज दिया था और उसके बाद वह भी फरार हो गया। किन्तु अचानक ललित गर्ग की पत्नी गांव आई और बताया कि कुछ कीमती सामान छूट गया है जिसे वह लेने आई जिससे पुलिस ने पूछताछ कर उसके पति के विषय में जानकारी हासिल करना बताया जा रहा है।
जानकारी मिली है कि उसके द्वारा कुछ और गांवों के किसानों के साथ भी ठीक ऐसी ही धोखाधड़ी की गई है। सीपत थाने में शिकायत दर्ज कराने वाले किसानों में अखिलेश पाठक, तिलक राम पटेल, प्रहलाद भार्गव, शैलेंद्र राठौर, मुकेश जायसवाल, विमल गोंड गोविंद राम धूरी, दिलेश्वर पटेल, कौशल प्रसाद साहू (मोहरा) सुंदर साहू एवं शांति लाल साहू समेत कई किसान शामिल हैं।
बहरहाल पुलिस किसानों का लाखों रुपए के धान का पैसा लेकर रफूचक्कर हुए ललित गर्ग की तलाश में जुट गई है देखना होगा कि सीपत पुलिस उसे कब तक गिरफ्तार कर भोले भाले गरीब किसानों के खून पसीने से उपजाई फसल का रुपया दिलाने में सफल हो पाती है!