एक पटवारी ऐसा… जो हर काम का मांगे पैसा!

खासखबर छत्तीसगढ़ बिलासपुर। बिलासपुर राजस्व विभाग में पदस्थ चाहे बाबू हो या पटवारी या फिर तहसीलदार हो या आरआई सभी को काम के एवज में सरकार तनख्वाह देती है किन्तु उसी काम के एवज में जनता से घूस यानी रिश्वत भी मांगे जाने की शिकायत आम जनता द्वारा समय समय पर उच्च अधिकारियों को की जाती है। ये हम नहीं बिलासपुर जिले के राजस्व विभाग में पदस्थ तमाम अधिकारियों और कर्मचारियों से परेशान आम जनता द्वारा कलेक्टर, एसडीएम, तहसीलदार से की गई लिखित शिकायत के आधार पर कहा जा रहा है।
अब थोड़ा सोचिए कि जिस आम जनता नें सरकार चुना कि सरकार की सरपरस्ती में उन्हें कोई भी किस्म की परेशानी नहीं होगी आज उसी सरकार के प्रशासन में पदस्थ अधिकारी कर्मचारी उनसे काम के एवज में उन्हीं से रिश्वत मांग रहे हैं।
इन दिनों राजस्व विभाग के पटवारियो पर रिश्वत मांगने का गंभीर आरोप लग रहा है,जिसकी वजह से एक बार फिर से राजस्व महकमा बदनाम होने लगा है, उच्च अधिकारियों, मंत्री द्वारा कार्यवाही के आश्वासन के बाद भी कोई न कोई अधिकारी या कर्मचारी पर रिश्वत मांगे जाने की शिकायत प्रशासन तक पहुंच ही जाती है। जिसके चलते राजस्व विभाग,और विभाग के मंत्री को जवाब देना मुश्किल हो जाता है।
ऐसा लगता है कि राजस्व विभाग में पदस्थ अधिकारी कर्मचारी आम जनता से काम करने से पहले ही रिश्वत लेने की सोच रखते है। और उन्हें किसी भी कार्यवाही का डर नहीं होता तभी तो बेखौफ होकर काम के एवज में रिश्वत मांगी जाती है।
इस बार का मामला रतनपुर अंतर्गत ग्राम खैरा के हल्का न. 38 के पटवारी अशोक बागडी के द्वारा गरीब किसानो एवं मजदूरो से बी वन खसरा नक्शा एवं नामातरण के लिए 5 से 10 हजार रुपये मांगा जाता है,यही नही ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया है कि पटवारी द्वारा सभी कार्यों का रिश्वत रेट तय कर दिया गया है। मना करने पर पटवारी जमीन के रिकार्ड मे गडबडी कर परेशान कर रहा है जिनसे क्षेत्र के किसानों परेशान है।
ग्रामीणों का आरोप है कि खैरा पटवारी अशोक बागड़ी कहता है कि मै अपने उच्च अधिकारीयो को पैसा देता हूँ तो मै भी रिश्वत लूंगा…पटवारी के इस व्यवहार से हम लोग काफी भयभीत है। कभी जमीन संबंधित रिकार्ड से डीएससी हटा देने का धमकी देता है।
कुछ शिकायत ऐसी है कि पटवारी नें नामांतरण करनें के एवज में रिश्वत राशि दस हजार रुपये ले लिया है लेकिन उस किसान का काम ही नहीं किया गया है।
गांव के किसानों ने न्याय की मांग करते हुए हल्का पटवारी अशोक बागड़ी के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की है।
पटवारी अशोक बागड़ी ने ग्रामीणों के बीच जो दबंगई और रौब जमाया है उससे ऐसा लगता है की यह शहरों में पदस्थ पटवारियों से भी रसूखदार पटवारी है जिसके नाम का डंका बजता रहता है। ऐसा लगता है कि कहीं न कहीं उच्च अधिकारियों का संरक्षण पटवारी को
प्राप्त है।
बहरहाल शासकीय नियम और कानून से बड़ा कोई नहीं सभी को इसके अंदर ही काम करना होता है देखने वाली बात यह है कि क्या पटवारी अशोक बागड़ी के खिलाफ राजस्व प्रमुख से की गई शिकायत जांच का परिणाम क्या आता है!