बिलासपुर

शिक्षक को बिना काम के वेतन जारी किए जाने पर, संयुक्त संचालक नें,BEO को दी गई सख्त हिदायत…..पदीय दायित्वों का निर्वहन करनें में असफल रहे अधिकारी…शिक्षा विभाग में मचा हड़कम्प।

खासखबर छत्तीसगढ़ बिलासपुर/कार्यालय विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी बिल्हा के विरुद्ध वित्तीय अनियमितता की लिखित शिकायत, संयुक्त संचालक शिक्षा संभाग कार्यालय बिलासपुर में की गई थी।

शिकायत थी कि शासकीय प्राथमिक शाला इंदिरा नगर दयालबंद बिलासपुर में पदस्थ शिक्षक दिनेश सिंह ठाकुर पिछले 5 माह से चिकित्सा अवकाश में थे और उन्हें विकास खंड शिक्षा अधिकारी बिल्हा कार्यालय द्वारा अवकाश स्वीकृत बिना ही वेतन दिया जा रहा था।

संयुक्त संचालक कार्यालय द्वारा नियुक्त जांच अधिकारी ने दस्तावेजों, तथ्यों के आधार पर शिकायत सही पाया।
कार्यालय संयुक्त संचालक शिक्षा संभाग बिलासपुर नें अपने आदेश में लिखा….

आदेश
कार्यालय वि.खं. शिक्षा अधिकारी बिल्हा बिलासपुर के वित्तीय अनियमितता संबंधी
शिकायत पर इस कार्यालय द्वारा जॉच कराई गई। जॉच में प्राप्त दस्तावेजों, तथ्यों के
आधार पर शिकायत प्रमाणित पायी गई है। वि.खं शिक्षा कार्यालय में कार्यरत खण्ड प्रभारी
श्री एन.पी. डाहिरे सहा.ग्रेड 02 द्वारा अपने पदीय कर्तब्य एवं वित्तीय नियमों को
नजर-अदांज किया जाना स्वीकार किया गया है। श्री पी.एस. बेदी वि.खं शिक्षा अधिकारी
बिल्हा कार्यालय प्रमुख होने के नाते अपने पदीय दायित्वों के निर्वहन करने में असफल
रहे। इसके कारण वित्तीय अनियमिता होने के साथ ही गैर जिम्मेदारी तरीके से अवकाश
स्वीकृत किये बिना वेतन आहरण करने जैसे वित्तीय अनियमितता हुई। श्री बेदी का यह
कृत्य कर्मचारी आचरण नियम 1966 के विपरीत है।
अत: श्री पी. एस.बेदी वि.खं. शिक्षा अधिकारी बिल्हा को वर्ष 2020-21 के लिए
“चरित्रावली चेतावनी” के साथ छत्तीसगढ़ सिविल सेवा वर्गकरण नियंत्रण तथा अपील
नियम 10 के उप नियम (1) के तहत परिनिन्दा की जाती हैं। भविष्य में इस प्रकार के
कृत्य की पुनरावृत्ति न किए जाने की भी हिदायत दी जाती है।

संयुक्त संचालक
शिक्षा संभाग बिलासपुर

फिलहाल संयुक्त संचालक ने पत्र लिखकर प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा विभाग, संचालक लोक शिक्षण संचालनालय रायपुर को सूचनार्थ भेज दिया है।

बहरहाल जांच उपरांत जारी आदेश से कई सवाल खड़े हो गए हैं पहला यह कि यदि शिकायत जांच उपरांत सही पाई गई तो शिक्षक को जारी किए गए वेतन की रिकवरी का आदेश जारी क्यों नहीं किया गया?

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