सनसनीखेज खुलासा… खनिज विभाग द्वारा जारी मिट्टी मुरूम परिवहन अनुमति…कितना सही!

खासखबर छत्तीसगढ़ बिलासपुर। इन दिनों रेत और मिट्टी मुरुम के अवैध खनन और परिवहन को लेकर जिस तरह खनिज विभाग और विभाग में पदस्थ अधिकारियों की भूमिका निकल कर सामने आ रही है उससे सरकार की क्षवि धूमिल हो रही है।

उसका महत्वपूर्ण कारण है कि वैध उत्तखनन और परिवहन के लिए खनिज नियम बनाए गए हैं उसका पालन कराना खनिज विभाग में पदस्थ अधिकारियों की जिम्मेदारी है इस कार्य को संपादित करने सरकार उन्हें प्रतिमाह अच्छी खासी तनख्वाह देती है साथ में अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराती है।

वहीं मोटी तनख्वाह मिलने के बाद भी अवैध उत्तखनन और परिवहन का होना खनिज विभाग के अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है।
खनिज विभाग के अधिकारियों की शह पर रेत, मिट्टी, मुरूम खनन माफियाओं को राजस्व चोरी करने का अवसर अधिकारी प्रदान करते हैं। विभाग में कंपनी आवेदन देती है कि हमें सरकार से सड़क निर्माण हेतु कार्य स्वीकृत हुआ है उक्त कार्य हेतु हमें मिट्टी, मुरम और रेत की आवश्यकता है ग्राम पंचायत द्वारा हमें अनापत्ति प्रमाण पत्र मिल गया है हमें परिवहन की अनुमति प्रदान करें।
खनिज विभाग का निरीक्षक मौके का निरीक्षण और परीक्षण कर अपने प्रतिवेदन खनिज अधिकारी को पेश करता है और प्रतिवेदन में लिखता है कि मौके पर पर्याप्त मात्रा में गौण खनिज उपलब्ध है परिवहन हेतु ग्राम पंचायत से अनापत्ति प्रमाण पत्र लिया गया है अतः परिवहन हेतु रायल्टी डीएमएफ एवं टीसीएस की राशि चालान के माध्यम से जमा करने की शर्तों के आधार पर अनुमति दिया जाना उचित होगा।
आवेदक द्वारा समस्त दस्तावेज की छायाप्रति जमा किया गया है। फिर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के बाद उसे तय समयावधि के भीतर अनुमति प्रदान कर परिवहन की अनुमति दे दी जाती है। उसके बाद विभाग आँखे बंद कर लेता है। उसे ना तो दिखलाई देता है ना सुनाई।
उसके बाद मिट्टी-मुरूम के अवैध उत्खनन एवं
परिवहन के मामले में चाहे ग्रामीण शिकायत करें, किसी की मौत हो,मीडिया सवाल पूछे विभाग और उसके अधिकारी “अनुमति” होने की बात कहकर अपनी जिम्मेदारी और अपने उत्तरदायित्व से पल्ला झाड़ते नजर आते हैं जबकि अनुमति के दस्तावेज केवल परिवहन के होते हैं उत्तखनन के नहीं।
उक्त मिट्टी मुरूम परिवहन अनुमति प्रक्रिया में खनिज विभाग के अधिकारी कितनी लापरवाही बरतते हैं इस बात का सनसनीखेज खुलासा करेंगे अगली खबर में।