बिलासपुर खनिज विभाग के लापरवाह जनसूचना अधिकारी अपने दायित्व के निर्वहन में हो रहे फेल! 116 रुपए में 26 पृष्ठों की जानकारी! जानिए क्या है पूरा मामला।

खबर खास छत्तीसगढ़ बिलासपुर। बिलासपुर खनिज विभाग में सूचना का अधिकार अंतर्गत अभिलेख उपलब्ध कराने में जनसूचना अधिकारी जानबूझ कर लापरवाही बरत रहे हैं। सूचना के अधिकार अधिनियम का नियमानुसार पालन नहीं करते। सूचना के अधिकार अंतर्गत मांगे गए अभिलेख के आवेदन को ना ही गंभीरता से पढ़ते हैं ना ही मांगे गए अभिलेख के पृष्ठों का परीक्षण करते हैं अनुमान लगा कर आवेदक को पत्र लिखते हैं कि जानकारी 58 पृष्ठ की है 116 रु पटाकर जानकारी प्राप्त कर लें। आवेदक 58 पृष्ठ के लिए 116 रु पटाकर जानकारी हासिल करता है तो पता चलता है कि दी गई जानकारी 26 पृष्ठ की है। जब आवेदक प्रथम अपील में जाता है तो उसे रुपए नगद वापस लेने का पत्र थमा दिया जाता है। क्या सूचना का अधिकार अधिनियम का मजाक बनाया जा रहा है।
क्या है पूरा मामला
सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत खनिज विभाग बिलासपुर से 21/09/22 को एक जानकारी मांगी गई।
जन सूचना अधिकारी नें आवेदक को 12 अक्टूबर 2022 को पत्र भेजकर जानकारी 58 पृष्ठ की होना बताया और जानकारी देने के एवज में प्रति पेज 2 रु के हिसाब से 116 रुपए जमा करा लिया।
19 अक्टूबर 2022 को आवेदक को जब जानकारी मिली तो वह आश्चर्यचकित रह गया क्योंकि जानकारी महज 26 पृष्ठ की थी।
जब आवेदक नें 58 पृष्ठ की जानकारी होने और 116 रुपए शुल्क जमा किए जाने की बात कहा तो मौखिक रूप से लिपकी त्रुटि बता कर पल्ला झाड़ लिया गया। फिर 23 नवंबर 2022 को लिपकी त्रुटिवश राशि का मांग पत्र जारी वाला पत्र थमा दिया गया।
प्रथम अपील का आदेश
वैसे तो जन सूचना अधिकारी का यह कृत्य सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी छुपाने या गलत जानकारी देने के तहत उल्लंघन की श्रेणी में आता है। क्यों ना जन सूचना अधिकारी के विरुद्ध अनुशात्मक कार्यवाही की जावे।
जांच के महत्वपूर्ण बिंदु…
सवाल 1… क्या जन सूचना अधिकारी नें 21 सितंबर 2022 के आवेदन पत्र को 21 दिनों में पढ़े बिना ही अभिलेखों का अंदाजा लगाकर 12 अक्टूबर 2022 को आनन फानन में पत्र जारी कर 58 पृष्ठ की जानकारी होने के एवज में आवेदक से 116 रुपए का शुल्क जमा करा लिया?
सवाल 2…जब जन सूचना अधिकारी के पत्रानुसार आवेदक नें 12 अक्टूबर 2022 को 58 पृष्ठ का 116 रु शुल्क की राशि जमा की क्या तब जन सूचना अधिकारी नें मांगी गई जानकारी के पृष्ठों की गिनती की?
सवाल 3… जन सूचना अधिकारी नें 19 अक्टूबर 2022 को भेजें पत्र में लिखा है कि चाही गई जानकारी की सत्यापित छायाप्रति पृष्ठ क्रमांक 26 पृष्ठ संलग्न कर आपकी ओर प्रेषित है। पत्र में कहीं भी लिपकी त्रुटि का जिक्र नहीं था क्यों?
सवाल 4…26 पृष्ठ की जानकारी दिए जाने के 36 दिन बाद आखिरकार जनसूचना अधिकारी कुभकर्णीय नींद से जागे और आवेदक को पत्र लिख लिपकी त्रुटि का हवाला देते हुए 32 पृष्ठ का राशि 64 रु कार्यालय से नगद प्राप्त किए जाने की बात लिखी क्यों?
फिलहाल खनिज विभाग में सूचना का अधिकार ऐसे लापरवाह अधिकारी की वजह से दम तोड़ रहा है ऐसे मामले में विभाग प्रमुख को चाहिए कि मामले की निष्पक्ष जांच करें और लापरवाही पाए जाने पर नियमानुसार कार्यवाही करें ताकि सूचना का अधिकार अधिनियम का उद्देश्य पूरा हो सके।