दो वर्षों से तहसील कार्यालय के चक्कर काट रहा बुजुर्ग आदिवासी किसान नें मुख्यमंत्री को लिखा पत्र…सुशासन त्यौहार पर दी,अनशन की चेतावनी!

खबर खास छत्तीसगढ़ बिलासपुर।बिलासपुर/कोटा/बेलगहना। जिला बिलासपुर एसडीएम कोटा तहसील बेलगहना के एक सत्तर वर्षीय बुजुर्ग किसान दो वर्षों से भी अधिक समय से तहसील कार्यालय बेलगहना के चक्कर काट रहा है। सुईधार केन्दा निवासी एक सत्तर वर्षीय कृषक ने न्याय हेतु अंतिम लड़ाई लड़ने व सुशासन की पोल खोलने प्रदेश के मुखिया को आवेदन प्रेषित कर न्याय की मांग की है।
लगातार दो साल से न्याय की उम्मीद किन्तु न्याय नहीं मिलने पर जिला मुख्यालय बिलासपुर में परिवार – सहित अनशन पर बैठने की चेतावनी दी है।
कृषक द्वारा मुख्यमंत्री व कलेक्टर बिलासपुर के नाम एस.डी.एम कोटा को सौंपे गए आवेदन में बताया गया है कि वह वन भूमि पर काबिज रहकर पिछले चालीस वर्षों से कृषि कार्य करता रहा है। लेकिन उक्त भूमि पर एक रसूखदार के द्वारा पैसे के दम पर पटवारी, राजस्व निरीक्षक व तहसीलदार से मिली भगत कर परेशान कर रहा है।
कृषक ने बताया कि उक्त भूमि का मामला सिविल कोर्ट में चल रहा है। जहां उक्त व्यक्ति को अस्थायी स्थगन मिला, जिसे बाद में निरस्त कर दिया गया। इसके बाद उस रसूखदार ने पटवारी आदि से साठ- गाठ कर तहसील से स्थगन ले लिया।
तहसील कार्यालय बेलगहना की भूमिका को संदिग्ध बताते हुए कृषक ने बताया कि मामला सिविल कोर्ट में चलने के कारण तहसील के स्थगन आदेश को निरस्त करने निवेदन किया गया किंतु आज पर्यंत तक स्थगन आदेश निरस्त नहीं किया गया। इससे कृषक पिछले दो साल से दो बार खरीफ फसल व ग्रीष्मकालीन धान की फसल बोने से वंचित रह गया है।
शिकायत पत्र में तहसील कार्यालय में पदस्थ मरावी नामक बाबू द्वारा बीस हजार राशि ऐंठने की बात कही है। किसान ने सुशासन त्यौहार से न्याय की उम्मीद पर मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है कि किसी ईमानदार छवि के अधिकारी से मामले की जांच कराई जाए।
इधर कोटा एस डी एम ने मामले की जांच के लिए तहसीलदार को भेजा है।