प्रधान पाठक नें जन सूचना अधिकारी को लिखा, गोपनीय जानकारी है, सक्षम अधिकारी को जानकारी उपलब्ध करा दिया जाएगा! क्या मजाक बन गया है सूचना का अधिकार अधिनियम 2005!

खबर खास छत्तीसगढ़ बिलासपुर।इन दिनों विकास खण्ड शिक्षा कार्यालय बिल्हा में सूचना के अधिकार के तहत जानकारी देने में घोर लापरवाही बरती जा रही है।
बीईओ नें सूचना के अधिकार के तहत माँगी गई जानकारी अध्यापन कार्य की दैनंदिनी को बताया गोपनीय जानकारी।
अध्यापक डायरी योजना क्या है?
शिक्षक डायरी एक ऐसा दस्तावेज है जिसमें शिक्षक अपने शिक्षण कार्य से संबंधित जानकारी दर्ज करते हैं। इसमें पाठ्यक्रम, शिक्षण विधियां, छात्रों की प्रगति, कक्षा के माहौल,कितने काल खण्ड कौन सा विषय पढ़ाया गया इत्यादि के बारे में जानकारी होती है।
जानकारी के अनुसार जन सूचना अधिकारी,विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी बिल्हा जिला बिलासपुर में आवेदक नें सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत पूर्व माध्यमिक शाला कडरी में पदस्थ प्रभारी प्रधान पाठक रमेश साहू द्वारा अध्यापन कार्य की संधारित दैनंदिनी की सत्यापित छाया प्रति की मांग की गई थी,प्रभारी प्रधान पाठक नें जानकारी लाकर कार्यालय को सौप दी,सूचना का अधिकार देख रहे खण्ड लिपिक अनुपम शुक्ला नें आवेदक को 504 रुपए फोटोकॉपी शुल्क जमा कर दस्तावेज लेकर जाने हेतु फोन पर जानकारी दी। आवेदक जब शुल्क जमा करने गया तो उसे बतलाया गया कि जानकारी गोपनीय है और पत्र थमा दिया गया।
जिस पर रमेश कुमार साहू प्रभारी प्रधान पाठक ने जन सूचना अधिकारी को लिखा,कि गोपनीय जानकारी है, सक्षम अधिकारी को जानकारी उपलब्ध करा दिया जाएगा!
अब एक सरकारी मिडिल स्कूल के प्रभारी प्रधान पाठक का सक्षम अधिकारी विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी ही होता है और उनका पत्र में ऐसा जवाब लिखना और अपने अधिकारी के माध्यम से आवेदक को उपलब्ध करा देना सूचना के अधिकार अधिनियम की अवहेलना नहीं तो क्या है!
सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 अंतर्गत इतनी गड़बड़ी उजागर होने के बाद भी सक्षम अधिकारियों की उदासीनता कई गंभीर सवाल खड़े करते नजर आती है!
क्या मजाक बन गया है सूचना का अधिकार अधिनियम!