बिलासपुर

जशपुरहिया दाँवपेंच… बीईओ काला बनांव!

खबर खास छत्तीसगढ़ बिलासपुर:- जिले में निसंदेह इन दिनों विकास खण्ड शिक्षा कार्यालयों के दफ्तरों में हड़कंप मचा हुआ है,और शिक्षा के गलियारों में तगड़ा मैनेजमेंट दिखाई दे रहा है,गोपनीयता नीति के साथ साथ सिर्फ और सिर्फ़ एक ही विषय पर चर्चा है वह है विकास खण्ड शिक्षा अधिकारियों को बदले जाने कि चर्चा,जिसकी गूंज राजधानी में भी सुनाई दे रही है।

सूत्रों के हवाले से खबर यह भी निकल आ रही है कि समय का तकाजा है कि प्रभारी बीईओ को हटाने शतरंज की बिसात लगा दी गई है। सभी बीईओ पर तलवार लटकी हुई है इधर गिरी उधर खेला ख़तम।

तखतपुर, बिल्हा, कोटा और मस्तूरी बीईओ में से एक विकास खण्ड में गंभीर, समझदार और बुद्धिमान प्राचार्य को नियुक्त कर दिया गया है। जानकारी यह भी निकल कर आ रही है कि भले ही आदेश जारी नहीं किया गया है लेकिन ऐसी जानकारी निकल कर आ रही है कि दो दो बार स्तीफा देकर सुर्खियों में आए बीईओ को आखिरकार हटा दिया गया है मतलब उन्होंने अपने पैर में खुद ही कुल्हाड़ी मार ली है और उनकी जगह फुलफ्लेश प्राचार्य को प्रभारी बीईओ बनाए जाने की चर्चा सुर्खियों में है। हालांकि खबर यह भी निकल कर आ रही है कि इन्होंने बड़ा वाला विकास खण्ड मांगा था लेकिन मैनेजमेंट वाले साहब नें थोड़ा इंतजार करनें की सलाह दी है।

लेकिन दूसरे विकास खण्डों में एक पेंच है कहते हैं एक मजबूत स्थानीय कद्दावर नेता जी नें किसी और विवादस्पद विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी को हटाने के लिए कहा था, अलबत्ता साहब तो गुणा भाग करनें में माहिर हैं राजनीतिक विरोध, असंतोष, व्यंग,और कटाक्ष को झेल चुके हैं इसलिए अपने बड़े साहब के जशपुरहिया दोस्त को नाराज नहीं कर सकते, इसलिए उन्होंने पहली बार बीईओ पद पर विराजमान होने वाले नव नवेले बीईओ को मौखिक आश्वासन देकर झुनझुना पकड़ाकर मना लिया है और वो मान भी गए हैं ऐसी जानकारी निकल कर सामने आ रही है।

सूत्रों के हवाले से खबर यह भी आ रही है कि एक और बड़े विकास खण्ड में जशपुरहिया दांव खेला जा रहा है… बीईओ काला बनाऊं वाला, मतलब बड़े साहब के कहने पर छोटे साहब ने अपने करीबी और कार्यालय में ज्यादा समय देने वाले, निपट नौसीखिए प्राचार्य को प्रभारी बीईओ बनाने का मन बना लिया है। कहते हैं कि अर्पण, तर्पण और समर्पण की भावना रखने वाले प्राचार्य पर दांव लगा है, जाहिर है दांव फोकट में लगता नहीं, चाहे जुआ हो या….सट्टा मतलब थोड़ा लगाव ज्यादा कमाओ! या बर्बाद हो जाओ।

अब बाकी के दो विकास खण्डों में उथल पुथल, बेचैनी और बदलाव से टकराव की गुंजाइश बन रही है कौन जाने कब हालात बदल जाए इसलिए हकीकत से उलट बेहतरी का दिखावा करनें से अच्छा है कि बने रहो पगला,काम करेगा अगला। बने रहे तो साहब, नहीं तो गुलदस्ता लेकर अगुवाई कर दे देंगे बधाई।

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