एपिसोड-4 पूर्व माध्यमिक शाला कड़री के प्रभारी प्रधान पाठक रमेश साहू पर शाला अनुदान राशि बंदरबांट मामले में जारी हुआ जांच का आदेश।

खबर खास छत्तीसगढ़ बिलासपुर। बिलासपुर जिले में एशिया के सबसे बड़े विकास खण्ड बिल्हा में लाखों का फ़र्जी मेडिकल बिल आहरण मामले की सुलगती आग से निकलता धुआं छटा भी नहीं था कि प्रभारी बीईओ पर फ़र्जी यात्रा बिल पेश कर भुगतान को लेकर गंभीर शिकायत हो गई और जांच चल ही रही थी कि अब शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला कड़री के प्रभारी प्रधान पाठक रमेश साहू पर शाला अनुदान राशि का बंदरबांट करनें का गंभीर आरोप उन्ही के द्वारा सूचना के अधिकार के तहत दिए गए सत्यापित दस्तावेज के आधार पर ख़बर लिखा जा रहा था इसी बीच खबर आई है कि समग्र शिक्षा कार्यालय कलेक्टर एवं जिला मिशन संचालक, समग्र शिक्षा, जिला-बिलासपुर (छ.ग.) द्वारा पू.मा.शाला कडरी को विगत दो वर्षों में जिला कार्यालय से जारी शाला एवं अन्य अनुदान राशि के व्यय के संबंध में अभिलेख एवं उपयोगिता की जांच-परीक्षण कर प्रतिवेदन एक सप्ताह के भीतर इस कार्यालय को प्रस्तुत करनें का आदेश जारी किया गया है।
क्या था मामला
बिल्हा विकास खंड अंतर्गत संचालित शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला कड़री के प्रभारी प्रधान पाठक रमेश साहू इन दिनों अनुदान राशि फर्जीवाड़ा को लेकर गंभीर आरोपों के घेरे में है।
जब जन सूचना अधिकारी से जानकारी 30 दिनों के भीतर नहीं मिला तो सूचना के अधिकार में जिला शिक्षा अधिकारी को अपील करनें के बाद बड़ी मुश्किल से प्रमाणित दस्तावेज मिलने पर बनी खबर है कि यहां के प्रभारी प्रधान पाठक ने शाला के विकास के लिए आई अनुदान राशि का जमकर ‘बंदरबांट’ किया है।
सूचना के अधिकार से प्राप्त 118 पृष्ठ का प्रमाणित दस्तावेज को गौर से देखें तो अनुदान राशि का हिसाब किताब तो है लेकिन ज्यादातर बिल फ़र्जी बनाए गए हैं बिल में तारीख ही नहीं है,बिल में कडरी पूर्व माध्यमिक शाला की बजाए सीतादेवी प्राइवेट स्कूल का नाम लिखा है,स्कूल का बिल हिसाब-किताब के नाम पर योजना की राशि का बेखौफ भृष्टाचार साफ दिखाई दे रहा है।
प्रभारी प्रधान पाठक रमेश साहू ने 2020,2021,2022,2023,2024-25 में फ़र्जी बिल बनवाकर शाला अनुदान की बड़ी राशि डकार ली है।
विभागीय सूत्रों के हवाले से पता चला है कि इनके द्वारा सूचना के अधिकार के तहत जानकारी देने की तैयारी हो गई थी किन्तु इन्हें विकास खण्ड शिक्षा कार्यालय बिल्हा में बैठे कुछ बुद्धिजीवी वर्ग के शिक्षा अधिकारियों लाए हुए दस्तावेज को गोपनीय और व्यक्तिगत होने का हवाला देते हुए जानकारी देने से इंकार करनें पत्र लिख दिया जो मामला जिला शिक्षा अधिकारी में अपील करनें खारिज कर दिया गया।
हाल ही में खबर खास की टीम ने कडरी विद्यालय का निरीक्षण किया और ग्रामीणों से बात की तब पता चला कि प्रभारी प्रधान पाठक रमेश साहू सप्ताह में यदा कदा ही विद्यालय आते हैं और शाला आकर एक साथ उपस्थिति रजिस्टर में हस्ताक्षर कर देते हैं। कुल मिलाकर मुफ्त की तनख्वाह भी ले रहे हैं।
ग्रामीणों की बात माने तो विद्यालय में न तो छात्रों के लिए पर्याप्त संसाधन हैं और न ही मूलभूत सुविधाओं का विकास हुआ है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर योजनाओं के नाम पर आई राशि और राशि से खरीदे गए समान है कहां?
अब देखना यह है कि समग्र शिक्षा विभाग इस गंभीर मामले पर कब तक निष्पक्ष जाँच करता है?
वर्ष 2020 से 2025 तक शाला अनुदान एवं अन्य अनुदान से प्राप्त राशि से खरीदे गए सामान एवं बिल, दस्तावेज और खरीदे गए सामान का भौतिक परीक्षण किया जाना जरूरी है।