BEO के निरीक्षण बाद भी…संकुल समन्वयक और प्रभारी प्रधान पाठक स्कूल से गायब…!
BEO के निरीक्षण बाद भी...संकुल समन्वयक और प्रभारी प्रधान पाठक स्कूल से गायब...!

खबर खास छत्तीसगढ़ बिलासपुर। न्यायधानी और एजूकेशन हब के नाम से मशहूर जिला बिलासपुर में सरकारी शिक्षा का स्तर और व्यवस्था इन तस्वीरों को देखकर लगता है कि चरमरा सी गई है। सरकारी स्कूल के शिक्षक बेलगाम, निरंकुश,स्वच्छंद हो गए हैं। शिक्षा का अधिकार कानून कागजों में सिमट रह सा गया है।
शिक्षा व्यवस्था और नियम कायदों का पालन कराने शिक्षा विभाग में निचले स्तर से लेकर ऊपरी स्तर तक अधिकारियों की नियुक्ति तो गई है किंतु उनके द्वारा अपने पदीय दायित्वों का सही ढंग से निर्वहन नहीं किए जाने से सरकारी शिक्षा का स्तर लगातार गिरता ही जा रहा है।
ये तस्वीर 30 जुलाई 2024 को दोपहर 3 बजकर 40 मिनट विकास खंड शिक्षा कार्यालय बिल्हा अंतर्गत संचालित प्राथमिक शाला आशाबंद,संकुल केंद्र बिरकोना में खिंची गई है। यहाँ छात्रों की कुल दर्ज संख्या 28 है जिसमें से 22 बच्चे उपस्थित हैं। यहाँ के प्रभारी प्रधान पाठक राजेश कुमार साव सहित कुल 3 शिक्षक पदस्थ हैं।
सवाल यह कि 28 में तीन शिक्षकों की आवश्यकता क्यों?
किन्तु मौके पर केवल एक शिक्षक शेखर सिंह उइके ही नजर आए। उन्होंने बताया कि विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी निरीक्षण में 10 बजकर 5 मिनट में आई थीं।
विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी श्रीमती सुनीता ध्रुव ने देखा कि प्रभारी प्रधान पाठक राजेश कुमार साव बिना किसी लिखित सूचना के स्कूल से अनुपस्थित थे। शिक्षक नवरत्न शुक्ला भी अनुपस्थित थे। हम सभी शिक्षकों की डेली डायरी भी संधारित नहीं थी।
सवाल क्या विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी नें शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया?
खबर खास की टीम नें देखा कि शिक्षकों के अनुपस्थिति के बावजूद 28 में से 22 बच्चे स्कूल आए हैं ये नवनिहाल अपनी आंखों में अपने सपने लिए तल्लीनता से पढ़ रहे हैं उन्हें इस बात की कोई फ़िकर नहीं कि उनके शिक्षक नहीं आए हैं।स्कूल का प्रवेश मार्ग कीचड़ युक्त है पीने के पानी की दिक्कत है और बाथरूम की व्यवस्था नहीं है। बच्चों के लिए मध्यान भोजन सेंट्रल किचन से आता है बच्चे भोजन की थाली अपने घर से लाते हैं। हमनें शिक्षक पाठ्यांक पर नजर डाली तो देखा कि विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी के आने और वापस लौट जाने के बाद भी प्रभारी प्रधान पाठक के हस्ताक्षर नजर आए किन्तु वह मौके पर उपस्थित थे ही नहीं, तब शिक्षक नें बताया कि प्रभारी प्रधान पाठक राजेश कुमार साव आधे दिन की छुट्टी लेकर संकुल समन्वयक बिरकोना संदीप दुबे के साथ डीईओ कार्यालय गए हैं। उपस्थित शिक्षक,बेलगाम प्रभारी प्रधान पाठक द्वारा आधे दिन के अवकाश का कोई लिखित आवेदन नहीं दिखा पाए।
सवाल जब संकुल समन्वयक स्वंय शाला आए और देखा की एक ही शिक्षक हैं विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी का निरीक्षण भी हो गया है और अध्यापन व्यवस्था बाधित हो रही तो भी प्रभारी प्रधान पाठक को लेकर चले जाना गंभीर कदाचरण की श्रेणी में आता है!
भले ही इस बात की जानकारी जिम्मेदार अधिकारियों को खबर के माध्यम से मिल जाएगी लेकिन अफसोस की अधिकारी व्यवस्था सुधारने की बजाय मीडिया पर ही अपनी खीज,अप्रसन्नता,अरुचि, कुढ़न,क्रोध, झुँझलाहट, चिड़चिड़ाहट, खुंदक, झल्लाहट, अप्रसन्नता निकालते नजर आते हैं।
बहरहाल आपने सरकारी स्कूल की बदहाल व्यवस्था की तसवीरें देखी ग्राउंड रिपोर्ट पढ़ी अब जिम्मेदार तनख्वाह खोर अधिकारियों को कुम्भकर्णीय नींद से जागना होगा अपने अपने आरामगाह से निकल कर सरकारी स्कूलों का अचौक निरीक्षण करना होगा ताकि पूरी तनख्वाह लेकर भी स्कूल से नदारद रहने वाले शिक्षकों पर लगाम लगे और सरेआम बदनाम हो रही सरकारी शिक्षा और शिक्षा का अधिकार कानून कागजों से निकलकर धरातल पर नजर आए।