Uncategorizedबिलासपुर

कुर्सी की दौड़ में कौन आगे ? बीईओ और डीईओ बनने की मची होड़…! चढ़ चुका है चढ़ावा…

खबर खास छत्तीसगढ़ बिलासपुर। शिक्षा विभाग में इन दिनों बीईओ और डीईओ की पोस्टिंग को लेकर चर्चा जोरों से चल रही है। मलाईदार पद के दौड़ में लगी होड़ को पारखी नजरों से देखा जा सकता है।

शिक्षा विभाग जिसे काजल की कोठरी कहते हैं में इन दिनों मलाईदार पद डीईओ और बीईओ बनने की गहरी लालसा,तीव्र इच्छा,या यूं कहें कि चाहत की दौड़ में कई नाम शामिल हैं। कहने को तो शिक्षा विभाग को पटरी पर चलाने का जिम्मा इनके पास होता है लेकिन इसकी आड़ में तमाम तरह के गुणा भाग और जोड़ना घटाना भी इनके बिना नही हो पाता, यही वजह है कि इस पद पर जिम्मेदारी के साथ मक्खन का स्वाद भी मिलता है जिसे लेने की आतुरता स्वभाविक है।

सहयोगी सूत्रों की मानें तो सभी नें मंदिर में प्रसाद चढ़ा दिया है और अब लिस्ट निकलने और खुद का नाम होने के इंतजार में बड़े बड़े ख्वाब संजोए बैठे हैं। कईयों की तो रात को नींद नहीं आती दिन को चैन नहीं मिलता।

सूत्र बताते हैं कि साहब लोगों को अक्सर फोन पर बातें करते सुना है कि लिस्ट 6 तारीख को आनें वाली थी अब 10 तारीख हो गया लेकिन कुछ घण्टे बाद वह भी निकल जायेगा। अब बर्दाश्त नहीं होता। पता तो करो!

एक तिवारी जी हैं जो बड़े ही भले आदमी हैं वह भी जिले में कोई अच्छे से पद में हैं जब से राजधानी से लौटे हैं खोए हुए रहते हैं अब वह भी डीईओ पद की दौड़ में शामिल हैं अब बनेंगे या नहीं ये कहना थोड़ा मुश्किल है लेकिन उनकी पकड़ मजबूत बताई जा रही है।

एक सहायक संचालक हैं वह भी डीईओ पद की दौड़ में शामिल हैं विभागीय सूत्रों के अनुसार उनका मानना है कि सब कुछ ठीक रहा तो रेस वो ही जीतेंगे।

जंगल भदरा में पदस्थ एक विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी हैं सूत्रों की मानों तो उनसे बीईओ का पद संभल नहीं रहा स्कूल में शिक्षकों की व्यवस्था तो कर नहीं पा रहे वह भी डीईओ की दौड़ में शामिल हैं उन्हें भी उम्मीद है कि जब भी लिस्ट निकलेगी उनका नाम सबसे ऊपर होगा।

अब बीईओ पद की दौड़ में शामिल लोगों की बात करें तो एक नाम जो खूब चर्चित है पकड़ भी मजबूत मानी जा रही है लेकिन विवादों से गहरा नाता है मतलब विवादित है।

बीईओ पद की दौड़ में एक प्राचार्य का नाम भी बार बार सामने आ रहा है। शायद कभी प्रभारी बीईओ के पद पर पदस्थ भी रहे। पकड़ ठीक है। मंदिर में इन्होंने भी चढ़ावा चढ़ा कर मनोकामना पूरी करने की प्रार्थना की है। सूत्र बताते हैं कि एक बार इनका चढ़ावा चढ़ाने के बाद भी मनोकामना पूरी नहीं हुई थी।

इतना ही नहीं एक संकुल समन्वयक भी बीईओ पद की दौड़ में शामिल हैं। ये भी राजधानी के मंदिर में चढ़ावा चढ़ा दिए हैं। ये दुबारा चढ़ावा चढ़ाए हैं ऐसी जानकारी आई है।

ये तो सत्य है कि बीईओ और डीईओ पद की दौड़ में शामिल होने से पहले राजधानी जा भगवान के मंदिर में मनोकामना पूर्ण करने चढ़ावा चढ़ाया गया है किन्तु यह भी सत्य है कि सभी की मनोकामना पूरी नहीं होगी,बीईओ और डीईओ पद की दौड़ से बाहर हुए प्रतियोगियों को एक बार फिर आश्वासन के आक्सीजन पर रहना होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button