विभिन्न मांगों को लेकर प्रदेश के तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार “तीन” दिवसीय हड़ताल पर।

खबर खास छत्तीसगढ़ बिलासपुर। छ०ग० कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के प्रान्त कार्यकारिणी सहित जिला कार्यकारिणी द्वारा तहसीलदार एव नायब तहसीलदारों के वर्तमान में किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की गयी।
जिसमें स्पष्ट किया गया कि वर्तमान में प्रदेश के सभी तहसीलदार एव नायब तहसीलदार संसाधान एवं सुरक्षा के अभाव में कार्य कर रहे है। प्रदेश में लगातार ऑनलाईन प्रकिया पर जोर दिया जाकर ई-कोर्ट ऑनलाईन भुईया पोर्टल ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल के माध्यम से मानक समय सीमा तय कर लगातार ऑनलाईन कार्य हेतु दबाव बनाया जा रहा है जबकि समूचे प्रदेश में ऑनलाईन प्रक्रिया के अनुसरण हेतु आवश्यक इंटरनेट सुविधा कम्प्यूटर ऑपरेटर कम्प्यूटर प्रिंटर स्कैनर स्टॉफ का पूर्णरूपेण अभाव है।
ऐसे में प्रदेश के सभी तहसीलदार एव नायब तहसीलदार स्वयं के संसाधन एवं विवेक से ऑनलाईन कार्य संपादित कर रहे है जिसमें तकनीकी रूप से गलती होने पर कार्यवाही भी की जा रही है। ऑनलाईन रिपोर्ट के माध्यम से समीक्षा कर प्रक्रिया के विपरीत निराकरण किए जाने का अनैतिक दबाव बनाया जा रहा है।
अवगत कराना चाहते है कि ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल के माध्यम से तहसीलदार एव नायब तहसीलदार आय जाति, निवास प्रमाण जारी करते है जिसमें प्रतिदिन प्राप्त आवेदनों के ही निराकरण में पूरा कार्यलयीन समय निकल जाता है, ऐसे में बिना कम्प्यूटर ऑपरेटर व संसाधन के वर्तमान में केवल ऑनलाईन राजस्व न्यायालय पर जोर देकर एक-एक प्रकरण में ऑनलाईन पेशी डेट बढ़ाना आदेश पत्र अपलोड करना, ऑनलाईन प्रकरण का समाधान करने की अपेक्षा करना वैसे ही है जैसे बिना ड्रायवर के गाड़ी चलाना।
भुइँया ऑनलाईन पोर्टल में भी अविवादित श्रेणी मानकर लगातार आदेश हेतु दबाव बनाया जा रहा है जबकि उसमें भी संसाधान के अभाव सहित अधिकांशतः फोटोकॉपी दस्तावेज अपलोड होने के कारण निराकरण संभव नहीं होने पर भी उसे राजस्व न्यायालय के माध्यम से निराकरण हेतु बाध्य किया जा रहा है। इस प्रकार स्पष्ट है कि राजस्व दस्तावेजों के उलटफेर व हड़बडी में त्रुटिपूर्ण आदेश होने की पूर्ण संभावना है।
इसी प्रकार से प्रदेश के सभी तहसीलदार एव नायब तहसीलदार दिन-रात लॉ एंड आर्डर हेतु कार्यपालिक मजिस्ट्रेट की भूमिका का निर्वहन अपने निजी वाहनों से करने हेतु मजबूर है, यही व्ही०आई०पी० मूवमेंट में ज्यादातर समय प्रोटोकॉल में चला जाता है। ऐसे में जब समय के अभाव होने पश्चात् जब राजस्व न्यायालय में बैठते है तो कई बार पक्षकारों से वाद-विवाद की स्थिति भी बनती है जिसका ताजा उदाहरण जिला महासमुंद के झलप उप तहसील में नायब तहसीलदार के साथ मारपीट की घटना है।
भुईया ऑनलाईन पोर्टल में भी अविवादित श्रेणी मानकर लगातार आदेश हेतु दबाव बनाया जा रहा है जबकि उसमें भी संसाधान के अभाव सहित अधिकाशतः फोटोकॉपी दस्तावेज अपलोड होने के कारण निराकरण संभव नहीं होने पर भी उसे राजस्व न्यायालय के माध्यम से निराकरण हेतु बाध्य किया जा रहा है। इस प्रकार स्पष्ट है कि राजस्व दस्तावेजों के उलटफेर व हड़बडी में त्रुटिपूर्ण आदेश होने की पूर्ण संभावना है।
बीते 15 दिवस पूर्व रायगढ़ तहसीलदार के साथ भी मारपीट की घटना हुई थी। शासन द्वारा तहसीलदार एव नायब तहसीलदारों को सुरक्षा का आश्वासन दिया जाकर दिशा-निर्दे श जारी किए गए है परन्तु आज तक अमल नहीं किया गया है।
उपरोक्त कार्यभार के एवज में शासन द्वारा निधारित वेतनमान में भी सुधार की आवश्यकता है।
वहीं प्रदेश में पर्याप्त तहसीलदार एव नायब तहसीलदारों के होते हुए भी अधीक्षक / सहायक अधीक्षक भू-अभिलेख से उनका मूल कार्य न लेकर तहसीलदारों को उनका प्रभार देकर उन्हें तहसीलदार/ नायब तहसीलदार का प्रभार दिया जा रहा है जिस पर भी शासन द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देश की अवमानना की जा रही है जिसका स्पष्ट उदहारण जिला धमतरी में बीते सप्ताह कलेक्टर महोदय द्वारा किया गया आदेश है। प्रदेश के सभी पटवारी द्वारा अपनी मांगों को लेकर प्रदेशव्यापी हड़ताल जारी है। बावजूद इसके शासन द्वारा राजस्व पखवाड़ा का आयोजन किया जा रहा है। ऐसे में प्रदेश के सभी तहसीलदार एव नायब तहसीलदार कार्य के अत्यधिक बोझ शासन द्वारा उपेक्षा, सुरक्षा व संधाधन की कमी के कारण पूर्ण रूपेण आहत है।
पूर्व में तहसीलदार से डिप्टी कलेक्टर पद पर पदोन्नति के अनुपात को 50:50 किए जाने एव नायब तहसीलदारों को राजपत्रित अधिकारी घोषणा उपरांत भी आज तक उक्त घोषणा को अमल में नहीं लाया गया है। समूचे प्रदेश के तहसीलदार / नायब तहसीलदारों के द्वारा पूर्व में भी माननीय मुख्यमंत्री महोदय एवं राजस्व मंत्री महोदय को समक्ष में भेट कर अवगत कराया जा चुका है। जिस पर आज तक किसी भी प्रकार की कार्यवाहीं नहीं की गयी है।
उपरोक्तानुसार शासन का ध्यानाकर्षण किए जाने हेतु प्रदेश के तहसीलदार/नायब तहसीलदार आंशिक हड़ताल में जाने हेतु विवश है। अतः सूचित किया जाता है कि प्रदेश के सभी तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार दिनांक 10 जुलाई 2024 से 12 जुलाई 2024 तक 03 दिवस हड़ताल में रहेंगे। शासन द्वारा किसी प्रकार की पहल नहीं किए जाने पर प्रान्त कार्यकारिणी सहित जिला इकाई द्वारा लिए गए निर्णय के आधार पर आगे की कार्यवाही की जावेगी।