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शराबियों का प्रवेश द्वार है, यह सरकारी शिक्षा का मंदिर! शिकायत बाद भी नहीं लगा लगाम।

खबर खास छत्तीसगढ़ बिलासपुर। ये तसवीर है बिलासपुर जिले के विकास खण्ड शिक्षा कार्यालय मस्तूरी अंतर्गत संचालित पूर्व माद्यमिक शाला झलमला की जो हैरान कर देने वाली है।

खबर खास की टीम जब स्कूल पहुँची तो देखा कि कुछ लोग स्कूल भवन के बीच में बनी गली से आना जाना कर रहे हैं कुछ लोग नशे में थे आने जाने का सिलसिला लगातार जारी था जानकारी लेने पर पता चला कि स्कूल के पीछे बने झोपड़ी नुमा मकान में अवैध रूप से शराब बेची जाती और पीने पिलाने का काम भी होता है।

कुल मिलाकर यह कि कुछ लोगों नें शिक्षा के मंदिर को अवैध रूप से संचालित शराब खाने का प्रवेश द्वार बना लिया है। प्रतिदिन अवैध रूप से शराबखोरी होती है शराबियों का आना जाना होता है।

ऐसे गन्दे माहौल में अध्ययनरत बच्चों के मन मस्तिष्क में क्या प्रभाव पड़ेगा इस बात का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है।

सवाल यह कि पुलिस प्रशासन मौन क्यों है?

सवाल यह कि विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी क्या कर रहे हैं?

सवाल यह कि संकुल समन्वयक क्या कर रहे हैं?

सवाल यह कि गाँव के जनप्रतिनिधि क्यों मौन हैं?

बहरहाल दहशत के साए में शिक्षा की अलख जगाने वाले उन तमाम पदस्थ शिक्षकों और अध्यनरत बच्चों को शिक्षा के साथ साथ सुरक्षा की आवश्यकता है। यह समझना होगा शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों को जो मोटी तनख्वाह तो सरकार से लेते हैं लेकिन स्कूल की समस्याओं के निराकरण के लिए कोई ठोस कदम उठाने आगे नहीं आते।

देखना होगा कि शिक्षा के मंदिर को अवैध शराबखोरी का अड्डा बना कर कलंकित करनें वाले लोगों पर लगाम लगाने जिम्मेदार कब कुभकर्णीय नींद से जागते हैं और स्कूल में स्वस्थ वातावरण का माहौल बन पाता है।

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