सुर्खियों में है एक सरकारी स्कूल…जहाँ प्रदूषित वातावरण की वजह से छात्र हो जाते हैं बेहोश…अक्सर आँखों में जलन,पेट और सर में दर्द की होती है शिकायत…दुर्गंध और मख्खियों की वजह से मध्यान भोजन और पढ़ाई होता है प्रभावित…! जिम्मेदार कुम्भकर्णीय नींद में!

ख़बर खास छत्तीसगढ़ बिलासपुर/संवैधानिक अधिकार के मुताबिक सरकार का उत्तरदायित्व है कि सभी नागरिकों को स्वच्छ और हितकर पर्यावरण मुहैया कराए इससे लिए सरकार ने पर्यावरण संरक्षण मंडल की स्थापना कर जिम्मेदार अधिकारियों की नियुक्ति की है लेकिन अधिकारियों की उदासीनता के चलते ऐसा हो नहीं रहा है ये हम नहीं वरन एक सरकारी स्कूल की शाला प्रबंधन समिति की लिखित शिकायत कह रही है।
एक सरकारी स्कूल के छात्र पिछले कई सालों से एक शराब फैक्ट्री से निकलनें वाले अपशिस्ट प्रदार्थ की बदबू से बहुत ज्यादा परेशान हो रहे है। पढाई के साथ उनका माध्यान्ह भोजन में भी प्रभावित हो रहा है। स्वास्थ्य संबंधी शिकायत जैसे सिरदर्द के साथ उल्टी और वायु प्रदुषण की मार स्कूल के छात्र,शिक्षक और शाला प्रबंधन समिति झेल रही है। अब जब स्कूल प्रभावित है तो स्वाभाविक है कि गांव और ग्रामीण भी प्रभावित होंगे! लेकिन स्थानीय प्रशासन और जिम्मेदार विभाग के अधिकारियों को शायद ऐसा नहीं लगता!
ये पूरा मामला बिलासपुर जिले के कोटा ब्लाक एसडीएम कार्यालय अंतर्गत ग्राम छेरकाबांधा स्थित वेलकम डिस्टलरीज प्रा.लि. शराब फैक्ट्री का है जहां पर कोटा विकास खण्ड शिक्षा कार्यालय अंतर्गत पीपरपारा शासकीय पूर्व माध्यमिक स्कूल स्थापित है उसके कुछ दूरी में स्थित शराब फैक्ट्री का (लैगून) बायो कम्पोस्ट के स्टोरेज तालाब बनाया गया है जहां शराब फैक्टरी से निकला वेस्ट मटेरियल जो सडा़ हुआ अपशिस्ट प्रदार्थ है जिसका संग्रहण किया जाता है जिसके कारण उपजी दुर्गंध से यहां अध्यनरत छात्र परेशान हो रहे। उन्हे इस वजह से स्वास्थ और शिक्षा दोनों की समस्या हो रही है।
इस बारें में शासकीय पूर्व माध्यिमक शाला पीपरपारा (छेरकाबांधा) के प्रधान पाठक और शाला प्रबंधन समिति के अध्यक्ष नें वेलकम प्रबंधन को पत्र लिखकर उनकी लापरवाही से अवगत कराया है जिसकी प्रतिलिपी एसडीएम कोटा और बीईओ को देकर उचित कार्यवाही के लिए आवेदन सौंपा गया है।
आपको जमीनी हकीकत से अवगत कराते चलें की शराब की फैक्ट्री वेलकम डिस्टलरीज के वेस्ट मटेरियल से निकलने वाली बदबू से लोग तो परेशान ही है साथ ही उस क्षेत्र के किसान भी कृषि भूमि के बंजर होने से भी परेशान हैं और यहां आसपास के बोर का पानी भी पीने योग्य नही है। इसकी वजह ग्रामीण फेक्ट्री से निकले अपशिस्ट प्रदार्थ के तरल का भूमिगत होने को मानते हैं।
प्रधान पाठक कृष्ण कुमार क्षत्रीय नें बताया कि शराब फेक्ट्री से निकले अपशिष्ट प्रदार्थ को स्कूल के पास बने तालाब में डाले जानें से निकलने वाली दुर्गंध से बच्चों को काफी परेशानी हो रही इसकी बदबू से सरदर्द, उल्टी की समस्या हो रही है बदबू से हमें पढानें में भी दिक्कत हो रही है वैसे भी वेलकम के प्रदुषण से भी परेशान है। बदबूदार वातावरण से अब दिक्कत हो रही है।
शाला प्रबंधन समिति के अध्यक्ष पंचराम साहू का कहना था कि वेलकम प्रबंधन नें बायो कम्पोस्ट के पास जोकि स्कूल से नजदीक लगा हुआ है वहां पर सडा हुआ तरल पदार्थ डालवा देता है जो कि बीमारीयों को बढा़ रहा है स्कूली बच्चे सिरदर्द और उल्टी से परेशान हो रहे है माध्यान्ह भोजन भी इससे प्रभावित हो रहा है पूरा वातारण दूषित हो गया है इसकी लिखित शिकायत की गई है और जांच में भी यह सही पाया गया है।
बहरहाल देखना होगा स्थानीय प्रशासन और पर्यावरण संरक्षण मंडल बिलासपुर के जिम्मेदार अधिकारी कब तक इस गंभीर समस्या से स्कूली छात्रों को छुटकारा दिलाते है।
सुलगते सवाल….
क्या एसडीएम कोटा जिला कलेक्टर को इस गंभीर समस्या से अवगत कराएंगे?
क्या कुभकर्णीय नींद सो रहे पर्यावरण संरक्षण मंडल कार्यालय के जिम्मेदार अधिकारी मामले को संज्ञान में लेकर कोई ठोस कदम उठाएंगे?
क्या कर रहे हैं जनप्रतिनिधि?
2021 में एक किसान परिवार नें तो वेलकम शराब फैक्ट्री के खिलाफ कलेक्टर बिलासपुर से लिखित शिकायत में आत्मदाह की चेतावनी दे दी थी फिर पर्यावरण संरक्षण मंडल बिलासपुर के अधिकारियों की जांच में क्या कुछ हुआ…?