एक कुंभकार नें बना दी रूद्राक्ष से भगवान गणेश की प्रतिमा।

बिलासपुर । प्रथम देवता गणेश अपने तेज़ बुद्धिबल के प्रयोग के कारण देवताओं में सर्वप्रथम पूजे जाते हैं। गणेश जी का पूजन सभी दुःखों को दूर करने वाला एवं खुशहाली लाने वाला है। अतः सभी भक्तों को पूरी श्रद्धा व आस्था से गणेश जी का पूजन हर शुभ कार्य से पूर्व करना चाहिए। हर शुभ कार्य का श्री गणेश विघ्ननाशक गणेश जी के पूजन से ही होता है।
गणेश चतुर्थी करीब है ऐसे में कुम्हारपारा जरहाभाठा के मूर्तिकार अशोक प्रजापति पंचमुखी रुद्राक्ष से प्रथम देवता गणेशजी की मूर्ति को आकार दे रहे हैं। साढ़े छह फीट की मूर्ति में 5001 रुद्राक्ष का उपयोग किया गया है। 25 दिनों की मेहनत से मूर्ति लगभग बनकर तैयार है। श्रद्धालुओं की भीड़ भी प्रथम देवता के दर्शन को आतुर है।
मूर्तिकार अशोक प्रजापति ने बताया कि इस मूर्ति के बनाने में उनके पुत्र निखिल प्रजापति व उनकी बेटी श्रद्धा प्रजापति भी पिछले 25 दिनों से लगातार सहयोग कर रहे हैं।
के. आर. राव विधि महाविद्यालय में थर्ड सेमेस्टर के छात्र निखिल व डीपी विप्र कॉलेज में बी. कॉम फाइनल की छात्रा श्रद्धा ने बताया कि व्यावसायिक दृष्टि से नहीं अपितु अपनी पारंपरिक कला को जीवंत रखने के लिए मूर्ति निर्माण में रुचि ले रहे हैं।
मालूम हो कि पिछले साल मूर्तिकार अशोक प्रजापति ने श्री फल अर्थात नारियल से गणेशजी की मूर्ति बनाई थी।