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वाह रे सरकारी स्कूल…दर्ज संख्या 182…उपस्थिति जीरो! मंत्री जी ये है सरकारी स्कूल का हाल!

खबर खास छत्तीसगढ़ बिलासपुर। सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था चरमरा सी गई है हाल बेहाल है स्कूल की दीवारों पर लिखा स्लोगन स्कूल आ पढ़े बर, जिनगी ला गढ़े बर, दीवारों की रौनक बढ़ा रहा है।

जी हां हम बात कर रहे हैं प्राथमिक शाला बिजौर की। यहां छात्रों की दर्ज संख्या 182 है लेकिन 182 बच्चों में कोई भी बच्चा स्कूल नहीं आया।

31 अगस्त 2023 को स्टाफ रूम में दो महिला टीचर बैठी हुई थीं स्कूल में सन्नाटा पसरा हुआ था। बच्चों की शोरगुल नहीं थी। पूरी की पूरी क्लास खाली थी। हकीकत में स्कूल में एक भी बच्चा नहीं था।

पूछने पर पता चला कि 182 में 10 बच्चे आए थे घर चले गए।

सवाल यह कि बच्चे स्कूल क्यों नहीं आए! क्या सरकारी स्कूलों में ऐसा ही होता है! क्या सरकारी स्कूलों में शासन के नियम कायदे लागू नहीं होते!

खबर खास की टीम ने स्कूल का मुआयना किया तो पता चला कि यहाँ शौचालय नहीं है मैदान में चारों ओर गंदगी पसरी है स्वच्छ भारत मिशन यहाँ दम तोड़ रहा है।

पता चला कि यहाँ के संकुल समन्वयक मनोज सिंह ठाकुर हैं यह बिल्हा विकास खंड शिक्षा कार्यालय अंतर्गत संचालित प्राथमिक शाला है यहाँ पदस्थ प्रधान पाठिका छुट्टी पर हैं।

अंत बस इतना कि शिक्षा की अलख जगाने के लिए सरकार की तमाम योजनाओं को शिक्षा से जोड़ने के बाद भी यदि ऐसा हाल है तो शिक्षा विभाग के तमाम तनख्वाह खोर जिम्मेदार अधिकारी जिम्मेदार हैं जो ना तो निरीक्षण में निकलते हैं ना ही मोनिटरिंग करते,यदि यही हाल रहा तो वह दिन दूर नहीं जब देश भविष्य कहे जाने वाले नवनिहालों का भविष्य अंधकार में होगा!

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