चोरों के निशाने पर सरकारी स्कूल की सरकारी संपत्ति… हर महीने टूटते हैं ताले…पुलिस कुछ नहीं करती!

खबर खास छत्तीसगढ़ बिलासपुर। स्कूल शिक्षा का मंदिर होता है यदि यहां असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगता हो, नशा खोरी हो और स्कूल का सामान चोरी हो तो इस पर अंकुश लगाने का काम पुलिस का है।
पूरे जिले में संचालित सरकारी स्कूलों में रोज सरकारी संपत्ति की चोरी होती है असामाजिक तत्वों का जमावड़ा होता है नशा खोरी होती है और शिकायत पर थाने में आवेदन लेकर शिक्षक को बगैर पावती के चलता कर दिया जाता है ये वही शिक्षक है जो मानता है कि किताबी ज्ञान और जमीनी हकीकत में जमीन आसमान का अंतर है।
आखिर जिम्मेदार कौन?
लोगों का कहना है कि पुलिस अधीक्षक को चाहिए कि चोरी की घटनाओं की समीक्षा बैठक में विकास खंड शिक्षा कार्यालय स्तर पर सरकारी स्कूलों में हुई चोरी के आंकड़े मंगवाकर उसका मूल्यांकन कर मातहत अधिकारी को दिशा निर्देश जारी करना चाहिए ताकि शिक्षा के मंदिर में हो रही चोरी की वारदातों व अन्य असामाजिक गतिविधियों पर अंकुश लगे।
खबर खास छत्तीसगढ़ की टीम जब प्राथमिक शाला खमतराई पहुँची तो वहाँ लोगों की भीड़ जमा थी मामला स्कूल में चोरी का था स्कूल प्रबंधन के लिए कोई नई बात नहीं थी पता चला हर महीने स्कूल चोरों के निशाने पर होता है किन्तु ग्रामीणों की सजगता से आज चोर रंगेहाथों पकड़ा गया है 112 को फोन कर बुलाया गया है देखें पुलिस क्या एक्शन लेती है। पार्षद को भी खबर दे दी गई थी।
हैरान कर देने वाली बात यह थी कि जिस युवक पर चोरी का इल्जाम था वह उसी स्कूल में से पढ़कर निकला था। कहाँ चूक हुई मंथन का विषय है।
शासकीय प्राथमिक शाला मुरूम खदान में भी चोरी की वारदात को अंजाम दिया गया था। मौके पर पहुंची 112 कि पुलिस टीम को जानकारी देने वहाँ के प्रधान पाठक भी खमतराई स्कूल पहुंचे थे।
तीन ताला तोड़ा गया था, दिव्यांग बच्चों के चढ़ने के लिए बनाए गए तीन रैम्प उखाड़ फेंका गया था स्कूल कक्ष में ठहरे ठेकेदार के मजदूरों को बाहर से दरवाजा बंद कर चोरी की वारदात को अंजाम दिया गया था।
ज्यादातर प्रधान पाठकों का कहना है कि साल भर में स्कूल के दर्जनों ताले टूटते है सरकारी संपत्तियों की चोरी होती है थाने जाने पर चोरी की शिकायत लेने और कभी कभी अपराध दर्ज करनें के अलावा पुलिस कुछ नहीं करती!
अंत में बस इतना ही कि चोरी के वारदातों को अंजाम देने वाले अपराधी कितने भी शातिर हों लेकिन कानून के रखवालों की चौखट पर दस्तक़ होते ही उच्च अधिकारियों के दिशा निर्देश और मार्गदर्शन में कानून की व्यवस्था बनाने वाली पुलिस चोरों की तलाश में जुट जाती है और चोरी की वारदात को अंजाम देने वाला अपराधी पुलिस की गिरफ्त में होता है अलबत्ता अब देखना होगा कि सरकारी संपत्ति की चोरी रोकने, हुई चोरी के माल सहित चोर को गिरफ्तार करने में पुलिस के आला अधिकारी अपने मातहत पुलिस अधिकारी को क्या दिशा निर्देश और मार्गदर्शन देते हैं जिससे सरकारी स्कूलों में चोरी की वारदात पर रोक लग सके और चोरी गए समान की बरामदगी मय चोर हो ताकि ज्ञान के पवित्र मंदिर में शिक्षक और छात्र बगैर किसी बाधा के ज्ञान प्राप्त कर सकें।