“बालवाड़ी” रंगरोगन की “राशि” डकार गया प्रधान पाठक! जिम्मेदार अधिकारी ने कहा जांच कराएंगे…!

खबर खास छत्तीसगढ़ बिलासपुर। बिल्हा विकास खंड शिक्षा कार्यालय अंतर्गत मानिकपुर प्राथमिक शाला में बालवाड़ी योजना की शुरुआत की गई है।जिस प्रकार निजी स्कूलों के द्वारा प्ले स्कूल बनाया गया है, जिसमें बच्चों को खेल खेल में शिक्षा दी जाती है। उसी प्रकार छत्तीसगढ़ सरकार छत्तीसगढ़ बलवाड़ी योजना के द्वारा सरकारी प्ले स्कूल बनाने का कार्य किया है। जिसमें बच्चों को विशेष सुविधा दी जाएगी जिसमें बच्चों को खेल खेल में पढ़ाया जाएगा एवं उनके लिए एक बेहतर शिक्षा का माहौल बनाया जाएगा।
छत्तीसगढ़ सरकार का उद्देश्य यही है, कि वह अपने राज्य के सभी 5 से 6 वर्ष के बच्चों और विशेष रूप से पिछड़े, आर्थिक रूप से कमजोर परिवार को बेहतर बचपन की शिक्षा दे। जब वे बड़े हो तो उनकी सोचने और समझने की क्षमता ज्यादा हो। जिससे भविष्य में छत्तीसगढ़ राज्य की वृद्धि तेजी से हो। लेकिन मानिकपुर प्राथमिक शाला के प्रधान पाठक ललित शर्मा शासन की योजना को पलीता लगाने में जुटे हुए हैं।
उन्होंने बताया कि 17.500 रुपए की राशि बालवाड़ी के रंग रोगन के लिए आई थी। राशि आहरण कर जनवरी माह में रंग रोगन कराया गया था। जबकि प्रधान पाठक की शिकायत लेकर स्कूल आए ग्रामीणों ने बताया कि यहां कोई बालवाड़ी संचालित नहीं है,ना ही कोई रंग रोगन कराया गया है ना ही कोई बच्चा पढ़ने आता है। एक शिक्षक को छोड़ सभी शिक्षक और प्रधान पाठक 9 बजे स्कूल आते हैं। ज्यादा समय शिक्षक मोबाईल देखते हुए नजर आते हैं।
ग्रामीणों की शिकायत थी कि स्कूल में शिक्षक लेट आते हैं इसलिए पढ़ाई नहीं होती, स्कूल में झाड़ू नहीं होने की वजह से साफ सफाई नहीं होती, बच्चे स्कूल प्रांगण में खेलते रहते हैं। मध्यान भोजन खाओ और घर जाओ। स्कूल की बिजली कटी हुई है। बच्चों को गणवेश नहीं बटा है।
हालांकि खबर खास की टीम नें भी स्कूल पहुँच कर हालात का जायजा लिया तो ग्रामीणों की शिकायत सच निकली। बालवाड़ी प्रभारी पूर्णिमा ध्रुव ये नहीं बता पाई कि बालवाड़ी में कितने बच्चे आते हैं, ना ही उनके पास बच्चों की अटेंडेंस रजिस्टर थी। उन्होंने रजिस्टर घर पर होना बताया।
बहरहाल स्कूल से ली गई तस्वीर वहां के हालात बयां करनें काफी है वहीं बालवाड़ी से जुड़े शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारी नें मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच करवाने की बात कही है देखना होगा कि जांच कब तक पूरी होती है और जांच के क्या परिणाम निकल कर आते हैं!