जिला पशु चिकित्सालय की डेहरी पर, प्रसव पीड़ा से तड़फती रही बेजुबान… दर्जनों फोन करनें के बाद भी, नहीं आए पशुओं के भगवान!

खबर खास छत्तीसगढ़ बिलासपुर। जिस तरह आम जनता के लिए सरकार नें सरकारी अस्पताल खोल रखे हैं ठीक उसी तरह बेजुबान पशुओं के लिए भी सरकारी अस्पताल खोले गए हैं और यहां बेजुबानों का ईलाज किया जाता है। किंतु जिला पशु चिकित्सालय बिलासपुर में पदस्थ डॉक्टरों की लापरवाही के चलते एक बार फिर जिला पशु चिकित्सालय सुर्खियों में आ गया है।
एक पशु सेवक एवं समाजसेवी की कलम से…
मामला कुछ ऐसा है कि लावर रोड बिलासपुर से एक गाय गर्भवती गाय जिसके पेट में बच्चा मरा हुआ था
उस क्षेत्र के समाजसेवी और गौ सेवकों ने उस गाय को जिला पशु चिकित्सालय बिलासपुर पहुंचाया। देखा तो हॉस्पिटल में ताला लटका हुआ था डॉक्टर राम ओतलवार जो कि हॉस्पिटल के प्रभारी हैं उन्हें तत्काल फोन लगाया गया फिर बार बार फोन लगाया गया पर डॉक्टर साहब फोन नहीं उठाये, उसके बाद पशु विभाग के ज्वाइन डायरेक्टर को फोन लगाया गया झारिया जी ने फोन उठाया और उन्होंने आश्वासन दिया कि कुछ देर बाद डॉक्टर की टीम भेज पाऊंगा।
ज्वॉइन डायरेक्टर के आश्वासन के लगभग 1 घंटे बाद में फिर झारिया जी को फोन लगाया गया झारिया जी ने कहा कि कोई भी डॉक्टर मेरा फोन नहीं उठा रहा है।
तब लावर के समाजसेवी ने कहा ज्वाइन डायरेक्टर साहब जब आपका फोन यह लोग नहीं उठा रहे हैं तो यह आम जनता का फोन उठाते होंगे! इस पर गंभीरता से विचार कीजिए।
मतलब एक ज्वाइन डायरेक्टर भी उस गाय का ऑपरेशन करवाने में असहाय नज़र आए।
बेजुबान की पीड़ा को देखते हुए पशु विभाग के डायरेक्टर रायपुर को भी फोन मिलाया गया लेकिन उन्होंने भी फोन नहीं उठाया।
समाजसेवी कहते हैं कि गर्भवती गाय को इस गंभीर स्थिति में हम सब शनिवार 4:00 बजे जिला पशु चिकित्सालय बिलासपुर बड़ी उम्मीद से लेकर आए थे की ईलाज होगा इसे पीड़ा से राहत मिलेगी! लेकिन ऐसा हुआ नहीं। आप इस बात से अंदाजा लगा सकते हैं की रात्रि में यदि कोई गाय विकट स्थिति पर है तो पशुपालन विभाग क्या इलाज करता होगा ऐसे पशुपालन विभाग की हम कैसे कल्पना करें जिस पर वह अपने सीनियर अधिकारी की भी फोन नहीं उठाते बड़े ही दुखद स्थिति बिलासपुर पशुपालन विभाग की है।
जिला पशु चिकित्सालय बिलासपुर और पशु पालन विभाग के अधिकारियों की लापरवाही से नाराज बिलासपुर के गौ सेवकों ने आंदोलन की चेतावनी दी है साथ में समस्त हिंदू संगठनो ने पशु पालन विभाग के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी कर ली है।
उन्होंने आपनी मांग रखते हुए बिलासपुर में 24 घंटे हॉस्पिटल खोलेनें व एक डॉक्टर ऑपरेशन के लिए नियुक्त किया जाए एवं टोल फ्री नंबर जारी किया जाए जिस पर कहीं पर भी एक्सीडेंट होने पर टोल फ्री नंबर पर सरकारी विभाग करें इस पर सभी हिंदू संगठन एक होकर मोर्चा खोलने की तैयारी पर है।
हॉस्पिटल से निराश होकर गौसेवक गाय को प्राइवेट आटो रिक्शा से लेकर प्राइवेट डॉक्टर पीयूष दुबे के पास लेकर के गए जहां पर प्राइवेट डॉक्टर ने गाय का ऑपरेशन किया।
पशु पालन विभाग के अधिकारियों की लापरवाही से इलाज में देरी होने के कारण गोवंश कारण गोवंश की स्थिति बहुत नाजुक बनी हुई है।
बहरहाल एक गर्भवती गाय प्रसव पीड़ा से तड़फती जिंदगी और मौत से लड़ती रही लेकिन ना तो जिम्मेदार अधिकारियों को कोई फर्क पड़ा ना ही डॉक्टरों को ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि आखिरकार पशु पालन विभाग द्वारा जिला में पशु चिकित्सालय क्यों संचालित किया जा रहा है!
यहां पदस्थ डॉक्टरों और कर्मचारियों को किस बात की तनख्वाह दी जा रही है!
ज्वॉइन डायरेक्टर क्यों असहाय हो गए!
जरूरत है उच्च अधिकारियों को तत्काल एक्शन लेने की ताकि बेजुबानों के ईलाज के लिए खोले गए अस्पताल बेजुबानों के ईलाज में काम आ सके ना कि दिखावा साबित हो!