बिलासपुर

कोटा में कूट रचित दस्तावेज व फर्जी चौहद्दी से भूमाफियाओं द्वारा जमीन बेचने का चल रहा खेल…वर्षों से काबिज भूस्वामियों में दहशत!

खासखबर बिलासपुर/ कोटा में इन दिनों भूमाफियाओं की तूती बोल रही है और इन भूमाफियाओं के आगे राजस्व विभाग के जिम्मेदार अधिकारी नतमस्तक हैं।

एक शिकायत के अनुसार भूमाफियाओं के साथ मिलकर राजस्व अफसरों भू-राजस्व नियमों को जानबूझकर अनदेखी करते हुए भूमाफियाओं को लाभ पहुंचाने एक जमीन की फर्जी चौहद्दी, फर्जी नक्शा के आधार पर किए गए रजिस्ट्री के बाद बटांकन और नामांतरण किया गया है। इस प्रकार से की गई धोखाधड़ी से वर्षों से अपनी भूमि स्वामी हक की भूमि पर काबिज़ भू स्वामियों का दिन का चैन और रात की नींद उड़ गई है। क्योंकि उन्हें आज नहीं तो कल राजस्व विभाग के अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा भूमाफियाओं से लड़कर चुकाना होगा।

सूत्रों से प्राप्त जानकारी में भूमाफिया अफसरों को या तो पार्टनर बना रहे है या फिर मोटी रकम देकर काम कर रहे है।

कुछ ऐसे दस्तावेज जो साबित कर देंगे कि चंद रुपयों के लालच में अधिकारी अपने ही मातहतों पर नियम विरुद्ध काम करनें का दबाव बना रहे हैं।

इस मामले में तहसीलदार प्रांजल मिश्रा और पटवारी अमित तिवारी ने मिली भगत करके फर्जी चौहद्दी तैयार जमीन का रजिस्ट्री के बाद ना केवल नामांतरण किया है वरन शीघ्र बटांकन के लिए सरकारी वाट्सअप ग्रुप में दबाव डाल, भूमाफियाओं को उपकृत करनें जैसा काम किया है…जिसकी शिकायत भी जिले के कलेक्टर के पास जन-चौपाल में हुई है..

सूत्र तो यह भी बता रहे है की तहसीलदार प्रांजल मिश्रा ने बटांकन के लिए एक राजस्व कर्मचारी पर हद से ज्यादा दबाव डाला…और कहा की हर हाल में काम करके दो….बटांकन करके दो..और जब देखा की कर्मचारी उनके मौखिक आदेश का पालन कर अपनी कलम नहीं फंसा रहा है तो उसकी झूठी शिकायत करवा दी।

एक गहराता हुआ सवाल यह कि जन चौपाल में कलेक्टर बिलासपुर कार्यालय में की गई शिकायत पर कोटा में कोई जांच हुई या नहीं?

एसडीएम कोटा इस प्रकार की गंभीर शिकायतों पर कोई संज्ञान क्यों नहीं ले रहे?

बहरहाल शिकायत गंभीर है कलेक्टर बिलासपुर को मामले की गंभीरता देखते हुए तत्काल जांच का आदेश जारी कर जांच टीम गठित करना चाहिए ताकि भूमाफियाओं के कूटरचित दस्तावेज और फर्जी चौहद्दी की शिकायत का सच सामने आए और दोषियों पर कठोर कार्यवाई हो।

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