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क्यों मेहरबान हैं चखना सेंटरों पर…आबकारी और पुलिस!

खबर खास छत्तीसगढ़ बिलासपुर। छत्तीसगढ़ आबकारी कानूनों और उसमें बनाए गए नियमों के अनुसार शहरी और ग्रमीण क्षेत्रों में हो रही महुआ और शराब की अवैध बिक्री पर तो पुलिस और आबकारी विभाग के जिम्मेदार कानूनन तबातोड़ कार्यवाही करते हैं करना भी चाहिए, कानून जो बना हुआ है, लेकिन वही कानून सरकारी शराब दुकानों से लगकर अवैध रूप से बेख़ौफ़ चखना दुकानें जो संचालित हो रही है उस पर लागू क्यों नहीं होता, उस पर कार्यवाई क्यों नहीं हो रही? क्या वह दिखाई नहीं देता? या जिम्मेदार देखना नहीं चाहते?क्या वह छत्तीसगढ़ आबकारी कानूनों और उसमें बनाए गए नियमों के अनुसार है,अवैध नहीं!

जी हां बात कर रहे हैं बिलासपुर जिले में संचालित शराब दुकानों के आस पास नियम विरुद्ध खुले अवैध चखना सेंटर की। जिले में जितने जगह चखना सेंटर संचालित है,सभी अवैध है। नियम, कानून और उसका पालन कराने वाले जिम्मेदारों के होने के बावजूद यहां बेख़ौफ़ शराब पीने और चखना परोसा जा रहा है।

जिले में शराब दुकानों के पास चखना सेंटर के अंदर बाहर सड़क पर रोजाना शराबियों की भीड़ लगी रहती है। ग्राहकों के नाम से चखना सेेंटर संचालक आपस में ही लड़ रहे हैं। शराब दुकान के पास आए दिन चखना सेंटर संचालक का अपास में वाद विवाद होता है।
दोनों के बीच ग्राहक को सामान बेचने की बात पर एक दूसरे के साथ गाली-गलौज होता है। कई बार विवाद बढ़ने से पहले आसपास के लोगों ने दोनों पक्षों को शांत कराया।

दूसरी ओर जिले में जितने जगह चखना सेंटर संचालित है। सभी अवैध है इनके खिलाफ आज तक जिला प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई।

जिले में चखना सेंटर चलाने के कोई आदेश नहीं है। इसके बावजूद आबकारी विभाग दुकान संचालकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।

दुकानों में दिन हो या रात शराबी बैठकर शराब पीते हैं। संबंधित थाना क्षेत्रों के पुलिसकर्मी भी दुकान संचालकों पर मेहरबान रहते हैं। आबकारी विभाग के जिम्मेदार अफसर कहते जरूर हैं कि फ़िलहाल वर्तमान में आबकारी एक्ट में चखना सेंटर का कोई प्रविधान नहीं है। इसके बावजूद उनकी नाक के नीचे संभागीय मुख्यालय के शराब दुकानों परिसर में अवैध चखना सेंटर संचालित हैं।

जानकर कहते हैं कि प्रभावशाली लोगों के करीबी ही चखना सेंटर संचालित कर रहे हैं। राजनीतिक दबाव के कारण पुलिस कार्रवाई नहीं करती है। दूसरी ओर आबकारी के अफसर भी कार्रवाई की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं।
इसके बावजूद पुलिस विभाग चखना सेंटर को हटवाने के लिए कोई प्रयास नहीं करती है। शाम होते ही सड़क पर शराबियों की भीड़ लगी रहती है। मुख्यमार्ग से आने जाने वाले वाहन चालकों को परेशानी होती है। कई शराबी वाहन चालकों रुकवाकर मारपीट तक करते हैं।

ऐसे में देखना होगा कि आबकारी विभाग और पुलिस के जिम्मेदार अधिकारी अपने कर्तव्यों का पालन करनें आगे आकर कोई ठोस कार्यवाई करते हैं या अवैध शराब की बिक्री पर कार्यवाई कर अधिकारियों के हाथों अपनी पीठ थपथपाई का रस्मअदायगी करते हुए अवैध चखना दुकानों को नजरअंदाज करते रहेंगे और उन्हें संरक्षण देने जैसा “आरोप” झेलते रहेंगे!

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