कहीं पुलिस तो कहीं खुद को थाना प्रभारी बता कर ठगी करनें वाला शातिर ठग और उसका साथी गिरफ्तार…! जानिए क्या है पूरा मामला।

खबर खास छत्तीसगढ़ बिलासपुर। बड़े बुजुर्ग कहा करते थे,आपने सुना भी होगा और पढ़ा भी होगा कि पुलिस से ना तो दोस्ती अच्छी, ना दुश्मनी। इसी कहावत का फायदा एक ठग नें उठाते हुए खुद को कहीं पुलिस वाला बताया कही थाना प्रभारी और कहीं एसीसीयू का स्टॉफ और ठगी के ऐसे ऐसे कारनामों को अंजाम देता गया कि पुलिस भी दंग रह गई।
यदि ज्वेलरी शॉप के मालिक द्वारा सोने के हार की ठगी के मामले की शिकायत नहीं कि जाती तो ना जाने पुलिस के नाम पर यह शख्स और कितनी ठगी को बेख़ौफ़ अंजाम देता!
क्या है पूरा मामला
मामला थाना – तारबाहर क्षेत्र का है अप० क. – 287/22
जिला – बिलासपुर (छ.ग.)
धारा – 420,34 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर आरोपी आरोपी योगेंद्र अनंत निवासी पामगढ़ गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस के अनुसार आरोपी दिनांक 9/11/22 से 24/11/22 तक लगातार तीन बार ऐटी ज्वेलर्स तार बहार बिलासपुर गया और स्वयं को पुलिस कर्मचारी बता कर ज्वेलरी शॉप से सोने की तीन चैन जिसका कुल वजन 63.50 ग्राम और कीमत 3.50 हजार थी को खरीदा। जबकि आरोपी योगेंद्र अनंत किसी भी पुलिस बल से नहीं है। आरोपी योगेंद्र अनन्त ने सोने की तीन चैन पसंद कर दुकान से ले लिया और पेमेंट के लिए चेक दिया था। पेमेंट के लिए जो चेक दिया था उसे आहरण नहीं कराने तथा कैश देकर चेक वापस ले जाने की बात बोला था।
लेकिन काफी दिनों तक आरोपी ज्वेलरी शॉप नहीं आया और फोन भी उठाना बंद कर दिया था। तब प्रार्थी प्रकाश शर्मा सत्यनारायण शर्मा उम्र 35 वर्ष निवासी लिंक रोड बिलासपुर की रिपोर्ट पर अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना किया जा रहा था।
मामला एक ठग द्वारा पुलिस की छवि को धूमिल करनें का था, पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशानुसार और मार्गदर्शन में आरोपी की पतासाजी कर आरोपी योगेंद्र अनंत को अभिरक्षा में लिया गया और पूछताछ किया गया।
आरोपी नें बताया कि उक्त सोना को बजाज फिनसर्व फाइनेंस कंपनी के मैनेजर देवेंद्र राजपूत को दिया है, देवेंद्र राजपूत उक्त सोना को ऑक्शन का सोना बताकर अमित गांधी को बेचने का प्रयास कर रहा था और किंतु ऑक्शन पेपर नहीं देने पर अमित ने सोना का सौदा नहीं किया था।
आरोपी योगेंद्र अनंत के पास अन्य दुकानों के बिल मिले हैं और इस बात की भी जानकारी मिली है कि आरोपी स्वयं को भिन्न भिन्न जगहों पर क्राइम ब्रांच का स्टाफ बता कर ठगी किया है।
तारबाहर थाना प्रभारी बताकर भी ठगी करने का प्रयास में पेटशॉप से पामेरियन डॉग ले गया था जिसे वापस कराया गया है।
इस संबंध में विवेचना किया जा रहा है आरोपी योगेंद्र अनंत और देवेंद्र राजपूत को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेजा जा रहा है।
उपरोक्त आरोपियों की गिरफ्तारी व मसूरका की बरामदगी में ACCU बिलासपुर प्रभारी हरविंदर सिंह,थाना प्रभारी तारबाहर मनोज नायक, उप निरी.शांत साहू, सउनि शैलेंद्र सिंह, पुहुप, बलबीर, निखिल, बोधुराम का योगदान रहा।
अंत में एक सवाल कि आखिकार जितने भी लोग पुलिस के नाम का इस्तेमाल करनें वाले इस ठग की ठगी का शिकार हुए उनमें से एक को छोड़कर बाकी लोगों नें पुलिस के पास शिकायत क्यों नहीं की?
कहीं यह कहावत का प्रभाव तो नहीं… यदि हां तो पुलिस के आला अधिकारियों को इसे मिथक साबित करनें ठोस कदम उठाना होगा ताकि लोग पुलिस के नाम का इस्तेमाल करनें वाले ठग और ठगी से बच सकें।